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न्यायाधीशों के फोन टैप करने के आरोपों से गृह मंत्रालय ने पूरी तरह से इंकार किया

नयी दिल्ली : सरकार ने कुछ न्यायाधीशों के फोन टैप किये जाने के आरोपों को सिरे से खारित करते हुए कहा कि ऐसे सभी रिपोर्ट ‘आधारहीन और अकारण’ हैं. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कुलदीप सिंह धातवालिया ने कहा, ‘‘ गृह मंत्रालय ने मीडिया की उन रिपोर्टो से पूरी तरह से इंकार किया है जिनमें यह […]

नयी दिल्ली : सरकार ने कुछ न्यायाधीशों के फोन टैप किये जाने के आरोपों को सिरे से खारित करते हुए कहा कि ऐसे सभी रिपोर्ट ‘आधारहीन और अकारण’ हैं. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता कुलदीप सिंह धातवालिया ने कहा, ‘‘ गृह मंत्रालय ने मीडिया की उन रिपोर्टो से पूरी तरह से इंकार किया है जिनमें यह आरोप लगाया गया है कि कुछ न्यायाधीशों के टेलीफोन टैप किये जा रहे हैं. इन खबरों में कोई सचाई नहीं है. ये रिपोर्ट आधारहीन और अकारण हैं. ”

इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहकर विवाद पैदा कर दिया कि इस बात का डर ‘‘व्यापक तौर पर” फैला हुआ है कि जजों के फोन टैप किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि यह बात सच है तो यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सबसे बडा हमला है. केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के लिए न्यायपालिका की स्वतंत्रता मूलभूत है और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
केजरीवाल ने ये बातें दिल्ली उच्च न्यायालय की स्वर्ण जयंती समारोह के दौरान कही, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने भी शिरकत की. टेलीफोन टैप करने की मंजूरी देने के लिए सक्षम प्राधिकार केंद्रीय गृह सचिव हैं और ऐसे सभी आदेशों को बाद में कैबिनेट सचिव के नेतृत्व वाले उच्च स्तरीय समिति की मंजूरी लेनी होती है.

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