सिमी आतंकी एनकाउंटर पर सियासत तेज, “दिग्‍गी” ने पूछा, मुस्लिम ही क्‍यों जेल से भागते हैं ?

नयी दिल्‍ली : सिमी के आठ सदस्यों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने की घटना के बाद से राजनीति तेज हो गयी है. मुठभेड़ में मारे जाने की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कांग्रेस तथा अन्य दलों ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस नेता दिग्‍विजय सिंह ने मध्‍यप्रदेश सरकार पर निशाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2016 4:46 PM

नयी दिल्‍ली : सिमी के आठ सदस्यों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने की घटना के बाद से राजनीति तेज हो गयी है. मुठभेड़ में मारे जाने की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कांग्रेस तथा अन्य दलों ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है. कांग्रेस नेता दिग्‍विजय सिंह ने मध्‍यप्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, कि हर बार मुस्लिम कैदी ही जेल से भागता है, हिंदू कैदी क्‍यों नहीं.

दिग्‍गी ने कहा, मुठभेड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. मैं मांग करता हूं कि कोर्ट इस मामले पर खुद नजर बनाये रखे और इसकी जांच एनआइए से करायी जाए. साथ ही इसकी भी जांच करायी जाए कि क्‍यों हर बार मुस्लिम कैदी ही जेल से भागता है, हिंदू कैदी क्‍यों नहीं. दिग्‍गी ने कहा, सिमी सदस्‍य खुद जेल तोड़कर भागे या इसके पीछे किसी का हाथ है.

इधर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिग्‍गी के बयान की निंदा करते हुए कहा, मुझे सोनिया गांधी से पूछना होगा कि भोपाल एनकाउंटर पर दिग्विजय सिंह जो बोल रहे हैं, क्या वही कांग्रेस पार्टी का भी पक्ष है. उन्‍होंने कहा, राष्‍ट्रहित मुद्दे पर सभी को एक साथ बोलना चाहिए. वहीं केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, लोगों को संदिग्धों के सिमी आतंकी होने और उनके धर्म से मतलब है, लेकिन उन्हें उनसे होने वाले खतरे की आशंका से कोई मतलब नहीं.

* मानसिक संतुलन खो बैठे हैं दिग्‍गी : सुब्रह्मण्यम स्‍वामी
दिग्विजय सिंह के भोपाल मुठभेड़ मामले पर टिप्‍पणी के बाद सुब्रह्मण्यम स्‍वामी ने उनके खिलाफ जोरदार हमला बोला है. स्‍वामी ने कहा, लगता है दिग्विजय सिंह की मानसिक हालत खराब हो गयी है. इसलिये उनकी बातों पर टिप्‍पणी करना बेकार है. उन्‍होंने कहा, भोपाल मुठभेड़ कांड पर अगर कांग्रेस को कोई शक है तो वो कोर्ट जा सकते हैं मैं तो कई मौकों पर कोर्ट की शरण ले चुका हूं. स्‍वामी ने कहा, हमारी सरकार को चलाने का मौका पब्लिक ने दिया है.

* मानवाधिकार के नाम पर सुरक्षा बलों के कार्यो पर राजनीति नहीं होनी चाहिए : भाजपा
भाजपा ने सिमी के आठ सदस्यों के कथित मुठभेड में मारे जाने की न्यायिक जांच की मांग करने को लेकर कांग्रेस तथा अन्य दलों पर निशाना साधते हुए इसे ‘वोट बैंक’ की राजनीति करार देते हुए कहा कि पुलिस एवं सुरक्षा बलों ने तत्परता से काम किया है और ऐसे विषयों का मानवाधिकार के नाम पर राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए. भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिंह राव ने कहा कि पुलिस ने काफी तत्परता के साथ काम किया है. और ऐसे में मानवाधिकारों के नाम पर इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस, वामदल, आप, एआईएमआईएम जैसे कुछ दल इस तरह के बयान देकर सुरक्षा बलों के मनोबल को प्रभावित कर रहे हैं जबकि हमारे सुरक्षा बल लोगों को सुरक्षित रखने के लिए आतंकवादियों से लोहा ले रहे हैं. भाजपा प्रवक्ता ने मुठभेड़ की प्रमाणिकता को लेकर उठाए गए सवालों को खारिज कर दिया और जोर दिया कि केंद्र तथा राज्य की भाजपा सरकारें आतंकवाद को ‘‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति का अनुसरण करती हैं. उन्होंने कहा कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है लेकिन ये दल इसकी बजाए अपनी चुनावी संभावना को बेहतर बनाना चाहते हैं. यह ठीक नहीं है.

* भोपाल मुठभेड़ काण्ड की हो न्यायिक जांच : मायावती
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने आज इस वारदात की न्यायिक जांच की मांग की. मायावती ने आरोप लगाया कि देश में खासकर भाजपा शासित राज्यों में पुलिस का राजनीतिक स्वार्थ तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेण्डा के हिसाब से इस्तेमाल किया जा रहा है. भोपाल में सिमी के आठ कार्यकर्ताओं की हत्या का मामला इसकी ताजा मिसाल है. बसपा की मांग है कि इस घटना की न्यायिक जांच की जाए.

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस निहत्थे सिमी कार्यकर्ताओं को आसानी से गिरफ्तार कर सकती थी, लेकिन उसने ऐसा करने की कोशिश तक नहीं की और उन्हें मार डाला. प्रथम दृष्टया यह मामला संदिग्ध लगता है तथा न्याय की मांग है कि इस पुलिस मुठभेड़ की घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिये.

* आतंकवादियों के मारे जाने पर हो रही ‘गंदी राजनीति’ बंद होनी चाहिए : चौहान
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुलिस मुठभेड़ में सिमी के आठ आतंकवादियों के मारे जाने को लेकर चल रही ‘गंदी राजनीति’ की आज कड़ी निंदा की और कहा कि ये ‘दुर्दांत आतंकवादी’ थे जो बड़ी तबाही मचा सकते थे.

हेड कांस्टेबल रमाशंकर यादव को श्रद्धांजलि देने के बाद चौहान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे इस पर हो रही राजनीति से बड़ी पीड़ा हुई है. कुछ नेता शहीदों की शहादत से अपनी आंखे फेर ले रहे हैं. उन्हें रमाशंकर यादव का बलिदान नजर नहीं आता. ये वे आतंकवादी थे जिन्होंने पहले रतलाम में शिवप्रताप कुशवाहा (पुलिसकर्मी) की हत्या की और फिर खंडवा में सीताराम यादव (पुलिसकर्मी) की जान ले ली. अब उन्होंने रमाशंकर यादव को मार डाला. ‘

उन्होंने कहा, ‘‘ यदि शहीद जवानों के प्रति एकता और सहानुभूति होती…… तो मुझे बात समझ में आती. लेकिन वे ऐसी घटनाओं को लेकर वोट-बैंक की राजनीति कर रहे हैं.’ कल भोपाल की केंद्रीय जेल से भागने के समय इन सिमी आतंकवादियों ने यादव को मार डाला था. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग मारे गए हैं वे दुर्दांत आतंकवादी थे जो भागने में सफल हो जाने पर भयंकर तबाही मचा सकते थे.

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