सैनिक की मौत पर ‘राजनीतिक ड्रामा”कर रहे हैं राहुल गांधी : नकवी

नयी दिल्ली : ओआरओपी मुद्दे पर कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले पूर्व सैनिक के रिश्तेदारों से राहुल गांधी के मिलने से जुड़े घटनाक्रम को ‘राजनीतिक ड्रामा’ करार देते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उनके जैसे लोग इस मुद्दे पर देश को गुमराह करने के लिए नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2016 3:04 PM

नयी दिल्ली : ओआरओपी मुद्दे पर कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले पूर्व सैनिक के रिश्तेदारों से राहुल गांधी के मिलने से जुड़े घटनाक्रम को ‘राजनीतिक ड्रामा’ करार देते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उनके जैसे लोग इस मुद्दे पर देश को गुमराह करने के लिए नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं और जनता उन्हें यथोचित जवाब देगी. नकवी ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने इससे पहले लक्षित हमले और सिमी आतंकियों की मुठभेड़ पर सवाल खड़े किये थे और अब वे राजनीतिक फायदा हासिल करने के लिए वन रैंक, वन पेंशन के मुद्दे पर देश को गुमराह करने की साजिश कर रहे हैं. ?

उन्होंने कहा कि ऐसी नकारात्मक राजनीति से हमारे बहादुर सैनिकों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है जो देश के दुश्मनों को मुंहतोड जवाब दे रहे हैं और लोग ऐसी नकारात्मक राजनीति करने वाले को पहले ही खारिज कर चुके हैं. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, ‘‘ राहुल गांधी मृत सैनिक के परिवार वालों से मिलने गए थे या राजनीतिक ड्रामा करने गए थे ?

परिवार से मिलने जाकर और सवाल उठाकर वे विवाद खड़ा करना चाहते थे. ओआरओपी के मुद्दे पर लोगों को गुमराह करके निश्चित तौर पर अंशकालिक राजनीति करने वाले पूर्णकालिक राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं. ‘ नकवी ने कहा, ‘‘ हमारा मानना है कि इस तरह का राजनीतिक ड्रामा बंद होना चाहिए और अगर सुरक्षा के मुद्दे पर कोई एक स्वर में नहीं बोलता है तब देश की जनता पहले की तरह से उन्हें याथोचित जवाब देगी. ‘

नकवी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर देश एकजुट है और सभी एक स्वर में बात करते हैं और जो लोग ऐसा नहीं करते हैं उन्हें इसका खामियाजा भुगतना होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस वन रैंक, वन पेंशन के मुद्दे को इसलिए उठा रही है ताकि वह लोगों के सवालों से बच सके कि उसने 40 वर्षो तक इस पर क्यों अमल नहीं किया. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ अगर आप घटनाक्रमों को देखेंगे तब पहला सवाल लक्षित हमले पर उठाया गया, फिर सिमी आतंकियों के साथ मुठभेड पर सवाल उठाये गए और अब ओआरओपी के मुद्दे पर भ्रम पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है. नकवी ने कहा, ‘‘ जिन लोगों ने 40 वर्षो तक इस मुद्दे को दबाये रखा, वे अब इस पर सवाल खडे कर रहे हैं. जिन लोगों को इस मुद्दे पर जवाब देना था, वे इस पर जवाब देने से बचने का प्रयास कर रहे हैं. ‘

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