नयी दिल्ली : जेएनयू के छात्र नजीब अहमद के लापता होने का मामला अब राजनीतिक रंग ले रहा है. कई बड़ी पार्टियों के नेता जेएनयू के छात्रों के साथ खड़े हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेता शशि थरूर, प्रकाश करात, मणिशंकर अय्यर, केसी त्यागी समेत कई बड़े नेता जेएनयू कैंपस पहुंचे.
विरोध प्रदर्शन में अरविंद केजरीवाल ने छात्रों को संबोधित किया उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ये भाजपा वाले हिंदू के नहीं है ये अपने बाप के भी नहीं है. गुजरात में पाटीदार समाज के साथ अन्याय हो रहा है यह समाज हमेशा से भाजपा को वोट देता आया है लेकिन उन्होंने इस समाज के नौजवानों की भी हत्या करवा दी है. ये किसी के नहीं है. यह सिर्फ वोटबैंक की भाषा समझते हैं इसके लिए वो कुछ भी कर सकते हैं.
जेएनयू कुलपति विश्वविद्यालय के लापता छात्र नजीब अहमद का पता लगाने के लिए कदम नहीं उठा रहे हैं क्योंकि उन्हें ‘‘भय” है यदि वह ऐसा करेंगे तो वह स्वयं ‘‘लापता” हो जाएंगे. केजरीवाल ने यह टिप्पणी जेएनयू परिसर में आयोजित एकजुटता बैठक में की. केजरीवाल ने कहा, ‘‘नजीब तभी वापस आएगा जब मोदीजी को यह एहसास होगा कि उन्हें युवाओं के वोट का नुकसान हो रहा है. नजीब के लिए न्याय की मांग का आंदोलन मुख्यधारा में आना चाहिए.
कुलपति भयभीत हैं कि यदि वह कोई कदम उठाएंगे तो वह भी लापता हो सकते हैं.” केजरीवाल ने कहा कि वह इस संबंध में कोई जांच शुरु करने की हिम्मत नहीं करेंगे क्योंकि आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी झगडे में शामिल थी जिसके बाद नजीब लापता हुआ. खुद अकसर दिल्ली पुलिस से झगडा मोल लेने वाले केजरीवाल ने कहा, ‘‘जो कोई भी आरएसएस, एबीवीपी या भाजपा के खिलाफ आवाज उठाएगा उसे राष्ट्रविरोधी करार दिया जाएगा, वह लापता हो जाएगा.
यदि नजीब अंबानी का पुत्र होता, मोदीजी विमान से उससे मिलने गए होते लेकिन वह इस पर ध्यान नहीं देंगे।” उन्होंने इस पर भी आश्चर्य जताया कि परिसर में हुए झगडे में शामिल रहे एबीवीपी के किसी सदस्य से पुलिस ने पूछताछ क्यों नहीं की। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नेपाल यात्रा से लौटने के बाद वह एक प्रतिनिधिमंडल के साथ उनसे मिलने जाएंगे.
इससे पहले जेएनयू प्रशासन ने छात्रों और शिक्षकों से अपील की कि वे परिसर में ‘‘प्रतिरोधी राजनीतिक और विरोधी प्रदर्शनों को हतोत्साहित करें” क्योंकि यह विश्वविद्यालय के सुचारु संचालन को प्रभावित कर रहा है तथा प्रदर्शनों के जरिये ‘‘अनुचित” मांगें उठायीं जा रही हैं. प्रशासन की ओर से यह अपील विभिन्न छात्र समूहों और शिक्षकों द्वारा पिछले करीब दो सप्ताह से जारी प्रदर्शनों के मद्देनजर की गई
केजरीवाल ने कहा, नजीब के गायब होने के मसले को उठाने के लिए छात्रों को सड़क पर आना पड़ेगा. मैं छात्रों के साथ इंडिया गेट पर बैठने के लिए तैयार हूं. भाजपा जिस भाषा में समझती है उसे उन्ही की भाषा में समझाना होगा. जब उन्हें लगेगा युवा वोट खिसक रहा है तभी ये एक्शन लेंगे. शशि थरूर ने इस मंच से रोहित वेमुला का भी मुद्दा उठाया.
गौरतलब है कि नजीब की मां और उसके परिवार वाले अपने बेटे के लापता होने की जांच की मांग कर रहे हैं. कई छात्र संगठन भी नजीब के परिवार के साथ हैं. इन प्रयासों के बाद भी अबतक नजीब का कुछ पता नहीं चल पाया है. नजीब अहमद की मां, रिश्तेदारों और दोस्तों ने सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की थी. परिवार वाले इस मामले की गंभीरता से जांच की मांग कर रहे हैं.