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लद्दाख में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच गतिरोध

लेह/ नयी दिल्ली: चीन और भारतीय सैनिकों के बीच लद्दाख की बर्फीली उंचाइयों पर कल से ही गतिरोध कायम है. इसके पहले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान उस क्षेत्र में घुस गए जहां मनरेगा योजना के तहत सिंचाई नहर का निर्माण किया जा रहा था और उन्होंने कार्य को रोक दिया. यह घटना कल […]

लेह/ नयी दिल्ली: चीन और भारतीय सैनिकों के बीच लद्दाख की बर्फीली उंचाइयों पर कल से ही गतिरोध कायम है. इसके पहले पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान उस क्षेत्र में घुस गए जहां मनरेगा योजना के तहत सिंचाई नहर का निर्माण किया जा रहा था और उन्होंने कार्य को रोक दिया.

यह घटना कल अपराह्न देमचोक सेक्टर में हुयी जो लेह से करीब 250 किलोमीटर पूर्व में है. वहां महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) के तहत एक गांव को ‘‘हॉट स्प्रिंग” से जोडने के लिए काम चल रहा था. आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि करीब 55 चीनी सैनिक वहां पहुंचे और आक्रामक तरीके से काम रोक दिया. इसके बाद सेना तथा भारत..तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान वहां पहुंचे और उन्होंने चीनी सैनिकों की ज्यादती को रोका.

चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चले गए और इस तर्क पर काम को रोकने की मांग की दोनों पक्षों को कोई कार्य शुरु करने के पहले अनुमति लेने की आवश्यकता है. भारतीय पक्ष ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुसार निर्माण के संबंध में जानकारी साझा तभी किए जाने की जरुरत है जब यह रक्षा उद्देश्यों के लिए हो.सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों ने अपने बैनर निकाल लिये है और वे वहां डटे हुए हैं. सेना तथा आईटीबीपी के जवान चीनी सैनिकों को एक इंच आगे नहीं बढ़ने दे रहे हैं जबकि पीएलए का दावा है कि यह क्षेत्र चीन का है.

इस क्षेत्र में 2014 में भी ऐसी ही घटना हुयी थी जब मनरेगा योजना के तहत निलुंग नाला पर सिंचाई नहर बनाने का फैसला किया गया था. वह चीन के साथ विवादित स्थान रहा है.पीएलए ने भारतीय कार्रवाई के विरोध में चार्डिंग..निलुंग नाला (सीएनएन) ट्रैक जंक्शन में तंबू गाडने के लिये ताशिगोंग के ग्रामीणों को राजी कर लिया था.

सूत्रों ने कहा कि इस बार चीनी पीएलए के 55 सैनिक थे जबकि सेना तथा आईटीबीपी के करीब 70 जवानों ने क्षेत्र की किलेबंदी कर दी थी और भारतीय क्षेत्र में उन्हें आगे बढने से रोक दिया. इस बीच वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने जोर दिया कि कोई गतिरोध नहीं था और स्थापित प्रक्रिया के जरिए मुद्दे का हल किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि किसी भी पक्ष से ऐसी आपत्तियां असामान्य नहीं हैं और ऐसी स्थितियों को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल किया जाता है.

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