गलतियों के लिए ईमानदार अधिकारियों को प्रताडि़त न करें : मनमोहन
नयी दिल्ली : सार्थक निर्णय करते समय अनजाने में की गयी गलतियों के लिए ईमानदार अधिकारियों को प्रताडि़त नहीं किये जाने पर जोर देते हुए आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चेताया कि अगर ऐसा नहीं किया गया तब निर्णय करने की प्रक्रिया और शासन व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के विषय पर […]
नयी दिल्ली : सार्थक निर्णय करते समय अनजाने में की गयी गलतियों के लिए ईमानदार अधिकारियों को प्रताडि़त नहीं किये जाने पर जोर देते हुए आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चेताया कि अगर ऐसा नहीं किया गया तब निर्णय करने की प्रक्रिया और शासन व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के विषय पर संयम से सार्वजनिक चर्चा करने का आह्वान किया क्योंकि फैसलों की गैर जरुरी निंदा और निर्णय करने वालों का द्वेषपूर्ण ढंग से लगाये गये आरोपों के चलन को बदले जाने की जरूरत है.
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीबीसी) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी भ्रष्टाचार निरोधक तंत्र का मुख्य उद्देश्य शासन एवं सेवा प्रदान की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में योगदान देना है और यह तभी हो सकता है जब साहसिक एवं नवोन्मेषी निर्णय लेने को प्रोत्साहित किया जाये.
मनमोहन ने कहा, इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सार्थक निर्णय करते समय अनजाने में की गई गलतियों के लिए ईमानदार अधिकारी प्रताडि़त नहीं किये जाये. उन्होंने कहा कि सीवीसी को पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के शब्दों का पालन करना चाहिए जिन्होंने कहा था कि आयोग को ईमानदारी पर निर्भिकता से अमल करना चाहिए और भ्रष्ट अधिकारियों के लिए भय का माध्यम बनना चाहिए.