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जम्मू कश्मीर विस में धक्का-मुक्की,पीडीपी विधायक घायल

जम्मू : जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज भारी हंगामेदार दृश्य देखने को मिले जब विपक्ष ने राज्य के ‘नजरअंदाज’ क्षेत्रों में नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन की मांग को लेकर सदन चलने नहीं दिया, जिससे कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी.विपक्षी पीडीपी सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के पास जाकर कुछ खास इलाकों […]

जम्मू : जम्मू कश्मीर विधानसभा में आज भारी हंगामेदार दृश्य देखने को मिले जब विपक्ष ने राज्य के ‘नजरअंदाज’ क्षेत्रों में नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन की मांग को लेकर सदन चलने नहीं दिया, जिससे कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी.विपक्षी पीडीपी सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के पास जाकर कुछ खास इलाकों के खिलाफ भेदभाव करने का आरोप लगाया. ये वे इलाके हैं जहां नई प्रशासनिक इकाइयां गठित नहीं हो रही हैं. इसके बाद, इन सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्कामुक्की हुई जिसमें पीडीपी विधायक मुश्ताक अहमद शाह घायल हो गये.

विधानसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरु हुई, महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में पीडीपी सदस्यों ने अपनी सीट पर खड़े होकर तख्तियां दिखाईं जिन पर नई प्रशासनिक इकाइयों के गठन में भेदभाव की बात लिखी थी. इसी के साथ, विपक्षी सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गये. विधानसभा अध्यक्ष मुबारक गुल ने तुरंत सुरक्षाकर्मियों को बुला लिया और हंगामेदार दृश्यों के बीच पीडीपी सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों के बीच करीब आधे घंटे तक धक्का मुक्की हुई. पीडीपी विधायकों के हंगामे में भाजपा, जम्मू कश्मीर नेशनल पेंथर्स पार्टी और निर्दलीय सदस्यों हकीम यासीन तथा इंजीनियर राशिद भी शामिल हो गये और उन्होंने भी उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा उनके क्षेत्रों के खिलाफ कथित भेदभाव का विरोध किया.

यहां तक कि विधानसभा के उपाध्यक्ष सरताज मदनी विपक्ष द्वारा नई प्रशासनिक इकाइयों की मांग के दौरान प्रदर्शन के समर्थन में खड़े दिखे. विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष से शांत होने का अनुरोध किया लेकिन ऐसा नहीं होने पर उन्होंने सदन को पहले 15 मिनट फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया. मुफ्ती ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार द्वारा नई प्रशासनिक इकाइयों की सूची में हमारे क्षेत्रों को शामिल किये जाने की हमारी मांग पूरी होने तक हम सदन चलने नहीं देंगे.’’दूसरे स्थगनादेश के बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरु हुई तो एक मार्शल द्वारा धक्का लगने और एक कुर्सी पर गिरने से पीडीपी विधायक घायल हो गये.

गुस्साए पीडीपी विधायकों ने कुर्सियां, मेज और माइक फेंकने शुरु कर दिये जिससे सदन में भारी हंगामे की स्थिति बन गई और विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी. इस हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा, ‘‘ऐसा लगता है कि वे (विपक्ष) कई नई प्रशासनिक इकाइयां गठित करने के हमारे फैसले से पूरी तरह से विचलित हो गये हैं जबकि इन (इकाइयों) को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है.’’ उन्होंने कहा कि अगर आप निर्वाचित प्रतिनिधियों के शर्मनाक बर्ताव देखना चाहते हैं तो जम्मू कश्मीर विधानसभा में मेजों पर खड़े विपक्ष को देखिए.

नाराज महबूबा ने कहा, ‘‘लोग विरोध कर रहे हैं, विधायक लहूलुहान हैं और उमर अब्दुल्ला ट्वीट करने को तरजीह दे रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘सदन में आने के बजाय, वह ट्वीट करने को तरजीह देते हैं. उन्होंने कहा है कि पीडीपी विधायकों को अफसोस महसूस करना चाहिए. अफसोस किस बात का? उन (उमर) को (अफसोस)महसूस करना चाहिए क्योंकि उनके आवास पर :नेशनल कांफ्रेंस कार्यकर्ता: हाजी यूसुफ की संदिग्ध हत्या हुई और डाक्टर फारुक अब्दुल्ला से जुड़ा जेकेसीए घोटाला हुआ.’’ नेशनल कांफ्रेंस नीत सरकार द्वारा प्रशासनिक इकाइयां गठित करने के फैसले का बचाव करते हुए योजना मंत्री एंव वरिष्ठ नेता अजय सादहोत्र ने कहा, ‘‘पीडीपी उमर अब्दुल्ला के ऐतिहासिक फैसले पर हताश है. इसमें किसी क्षेत्र के साथ भेदभाव नहीं किया गया है.’’ पहली बार स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरु हुई, कई पीडीपी सदस्यों ने कुर्सियां मेजें फेंकी.

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