NSG में भारत के प्रवेश के खिलाफ नहीं है चीन : राजदूत

कोलकाता: चीन ने आज इन विचारों को खारिज किया कि वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश के खिलाफ है.कोलकाता में चीन के महावाणिज्य दूत झानवु मा ने कहा, ‘‘यह विचार सही नहीं है कि चीन एनएसजी में भारत के प्रवेश के खिलाफ है. इस बारे में भारत और चीन मिलकर काम कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2016 9:14 PM

कोलकाता: चीन ने आज इन विचारों को खारिज किया कि वह परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश के खिलाफ है.कोलकाता में चीन के महावाणिज्य दूत झानवु मा ने कहा, ‘‘यह विचार सही नहीं है कि चीन एनएसजी में भारत के प्रवेश के खिलाफ है. इस बारे में भारत और चीन मिलकर काम कर रहे हैं.’ मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में किसी देश के प्रवेश के लिए कुछ प्रक्रियाओं की जरुरत होती है जिनका पालन किया जाना जरुरी है. यह आसान नहीं है.’ भारत…पाक संबंधों पर चीन का रुख पूछने के बारे में उन्होंने कहा कि उनका देश तटस्थ है.

चीन के महावाणिज्य दूत ने कहा, ‘‘चीन का भारत के प्रति काफी दोस्ताना रुख है. कुछ लोगों को ऐसा नहीं लगता है. निश्चित रुप से हमारे बीच मतभेद है. लेकिन साझा हित मतभेदों से उपर हैं.’ उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यावसायिक रिश्ते परस्पर लाभकारी हैं.उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक जहां तक पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों की बात है तो चीन का रुख निरपेक्ष है. भारत और पाकिस्तान को बातचीत से गतिरोध दूर करना चाहिए.
चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मिले अजित डोभाल, द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने आज अपने चीनी समकक्ष यांग जाइची से यहां मुलाकात की. दोनों अधिकारियों की मुलाकात के दौरान परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता और आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र की पाबंदी लगवाने की राह में चीन की ओर से अटकाए जा रहे रोडे सहित कई मुद्दों पर मतभेदों से तनावपूर्ण हुए द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार के उपायों पर चर्चा हुई.
ताज फलकनुमा पैलेस में यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दो दिन पहले ही चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच लद्दाख डिवीजन के उंचाई वाले इलाकों में कहासुनी हो गई थी. यह कहासुनी उस वक्त हुई थी जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवान एक ऐसे इलाके में दाखिल हो गए थे जहां मनरेगा योजना के तहत एक सिंचाई नहर बनाने का काम किया जा रहा था. चीनी सेना ने इस असैन्य काम को रुकवा दिया था.
दोनों पक्षों ने लेह के पूर्व में 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित डैमचक सेक्टर में हुई इस घटना से कुछ दिन पहले यह बैठक करने का फैसला किया था. इस सेक्टर में एक गांव को ‘हॉट स्प्रिंग’ से जोडने के लिए मनरेगा के तहत काम चल रहा है. इस बैठक को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया गया है

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