प्रदूषण की मार : दिल्ली एनसीआर में बढ़ी मास्क की बिक्री
नयी दिल्ली : दिल्ली पिछले 17 सालों में प्रदूषण के सर्वाधिक भयानक दौर से गुजर रही है और इसी के कारण दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह में मास्क की बिक्री बढ़ गयी है. हालात यहां तक हो गए हैं कि मांग के अनुसार मास्क की आपूर्ति कम पड़ रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री […]
नयी दिल्ली : दिल्ली पिछले 17 सालों में प्रदूषण के सर्वाधिक भयानक दौर से गुजर रही है और इसी के कारण दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह में मास्क की बिक्री बढ़ गयी है. हालात यहां तक हो गए हैं कि मांग के अनुसार मास्क की आपूर्ति कम पड़ रही है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली को ‘गैस चैम्बर’ बताये जाने और धुंध के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए केंद्र से सहायता की मांग किये जाने के बाद दिल्ली निवासी मास्क के लिए मेडिकल स्टोर और अस्पतालों में लाइन लगाने लगे हैं.
दिल्ली और एनसीआर में कुछ स्कूलों ने अभिभावकों के लिए परामर्श जारी किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनका बच्चे मास्क का इस्तेमाल करें. भारत में वोगमास्क की बिक्री करने वाली कंपनी निर्वाणा बीइंग के मालिक जय धर गुप्ता कहते हैं, ‘मांग इतनी अधिक है कि आधे दिन में ही हमारा स्टाक खत्म हो गया और हमें नया माल मंगाना पडा. हम आम तौर पर हर साल दिवाली के आसपास मास्क का स्टाक रखते हैं लेकिन इस बार इस मौसम में यह मांग दस गुना बढ गयी है.’
बाजार में 90 रुपये से लेकर 2200 रुपये तक के मास्क उपलब्ध हैं और ये विभिन्न डिजाइन और पैटर्न में आते हैं. मास्क विभिन्न श्रेणियों में आ रहे हैं जिनमें एक बार के इस्तेमाल से लेकर ऐसे महंगे मास्क भी हैं जिनमें एयर फिल्टर लगा होता है और वे दावा करते हैं कि उनके इस्तेमाल से 99 फीसदी प्रदूषक, बैक्टीरिया और विषाणु इस्तेमालकर्ता की नाक में जाने से रुकते हैं.
गुडगांव में सृष्टि मेडिकोज के सुदेश मेहता बताते हैं, ‘शहर में विभिन्न कंपनियां अपने कर्मचारियों में ऐसे मास्क बांटने के लिए बड़ा आर्डर दे रही हैं और इसलिए काउंटर पर लोगों को इसे खरीदने में दिक्कत आ रही है क्योंकि स्टाक कम पड़ रहा है.’ दिल्ली एनसीआर निवासी ई कामर्स के जरिए भी वेबसाइटों पर जाकर मास्क के लिए आर्डर कर रहे हैं लेकिन डिलीवरी में एक सप्ताह से अधिक का समय बताया जा रहा है.
रोहिणी निवासी एक साफ्टवेयर इंजीनियर कौमुदी दास ने बताया, ‘एक सप्ताह बाद तक तो हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है.’ ऐसौचेम द्वारा करवाये गये एक सर्वेक्षण के अनुसार, दिल्ली एनसीआर में पिछले चार दिनों में एयर फ्यूरीफायर की मांग में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है. हालांकि यह एक महंगा विकल्प है.