क्षेत्रीय दलों के साथ संपर्क में हैं वाम दल:राजा
बेंगलूर : तीसरे मोर्चे के विचार को विफल बताने वाले लोगों को जवाब देते हुए भाकपा नेता डी राजा ने आज कहा कि वाम दल लोकसभा चुनावों के लिए गैर-संप्रग और गैर-राजग विकल्प पेश करने के लिहाज से चुनाव पूर्व सीटों के बंटवारे के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ संपर्क में हैं. भाकपा के राष्ट्रीय […]
बेंगलूर : तीसरे मोर्चे के विचार को विफल बताने वाले लोगों को जवाब देते हुए भाकपा नेता डी राजा ने आज कहा कि वाम दल लोकसभा चुनावों के लिए गैर-संप्रग और गैर-राजग विकल्प पेश करने के लिहाज से चुनाव पूर्व सीटों के बंटवारे के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ संपर्क में हैं.
भाकपा के राष्ट्रीय सचिव और राज्यसभा सदस्य राजा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम क्षेत्रीय दलों और मध्यमार्गी शक्तियों के साथ संपर्क में हैं.’’उन्होंने कहा कि राज्यों में राजनीतिक शक्तियों और विशेष परिस्थिति के आधार पर चुनावी रणनीति विकसित होगी. राजा ने कहा कि वाम दल गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी ताकतों को साथ लाने के लिए प्रयास करेंगे और जनता को एक व्यावहारिक विकल्प प्रदान करेंगे. तीसरे मोर्च के विचार को बेमतलब का बताने वाले भाजपा नेता अरुण जेटली के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजा ने कहा कि इस तरह का विकल्प संभव है.
भाकपा नेता ने संप्रग-2 के चार साल के कार्यकाल को ‘विफल’ करार देते हुए कहा कि जश्न मनाने के लिए कुछ भी नहीं है. कांग्रेस नीत संप्रग-2 ने अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन किया है और औद्योगिक, निर्माण तथा सेवा क्षेत्र में विकास कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में केवल बड़े उद्योग घरानों और कार्पोरेट को फायदा हुआ है वहीं जनता को ज्यादा से ज्यादा आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है.