पुराने नोट बंदी पर भोजपुरी गाने भी मचा रहे धमाल

आरा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 और 500 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा अब भोजपुरी गवाइयों के गीतों में भी छा गयी है. दिलचस्प बात यह भी है कि पुराने दो बड़े नोटों के चलन को बंद करने की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही भोजपुरी के लोग इसके एलबम बनाने में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2016 9:37 PM

आरा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 और 500 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा अब भोजपुरी गवाइयों के गीतों में भी छा गयी है. दिलचस्प बात यह भी है कि पुराने दो बड़े नोटों के चलन को बंद करने की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही भोजपुरी के लोग इसके एलबम बनाने में जुट गये. आलम यह है कि इस तरह के एलबमों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है.

प्रधानमंत्री मोदी की ओर से 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों के बदलने के कदम को भोजपुरी के गायकों ने अपने-अपने गीतों में भरपूर सराहना की है. गीत-संगीत के भोजपुरी बाजार में ‘हजारा-पंसउवा बंद कईलन मोदी जी, पंसउवा-हजारिया न चली ए बलम जी, लागल दिलवा पे चोट बंद भईल हजरिया नोट, कालाधन जे रखले होई लागल बा दिल पे चोट हो’ जैसे गीत भोजपुरी में धमाल मचा रहे हैं. इन भोजपुरी गानों को पुराने दो बड़े नोटों की बंदी के बाद लगातार सुना जा रहा है. गायकों ने अपनी गीतों में महिलाओं के दर्द और कुछ परेशानियों का भी जिक्र किया है. वहीं, इन गीतों के रचनाकारों ने कालाधन और भ्रष्टाचारियों पर भी जबरदस्त हमला किया है.
गायक आरके दिवाना का एलबम ‘बंद भईल 500-1000 के नोट’ और माधव मुरारी के एलबम ‘बंद भईल 500 हजरिया’ यूट्यूब पर जारी हो चुका है. इन दो गानों के अलावा, छोटू भारद्वाज के एलबम ‘1000 पांच सौ बंद कइलें मोदी जी, नैना सिंह के एलबम पंसउवा-हजरिया ना चली ए बलम जी’ और निशा उपाध्याय का एलबम ‘लागल दिलवा पे चोट, बंद भईल हजरिया नोट’ के गाने भी इस समय भोजपुरी एलबम के बाजार में धमाल मचा रहे हैं.
छपरा जिले के गड़खा निवासी गायिका निशा उपाध्याय का कहना है कि मोदी जी की घोषणा सराहनीय है. गीतकार महेश परदेशी की पत्नी की सच्ची घटना को आम महिलाओं के दर्द से जोड़ कर उन्होंने गीत गाया है. उनका कहना है कि अपने पति से छुपा कर रुपये रखने की महिलाओं में परंपरा रही है. इस घोषणा के बाद सच उजागर होने पर ‘लागल दिलवा पे चोट, बंद भईल हजरिया नोट’ के बोल में इस दर्द को पिरोया गया है.

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