नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हैरानी जताई कि भारत क्यों नहीं कह सकता कि हम एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति हैं और ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ की नीति को दोहराने की बजाय वह इसका गैर जिम्मेदार तरीके से इस्तेमाल नहीं करेंगे. हालांकि, उनकी यह व्यक्तिगत टिप्पणी है.
पर्रिकर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे खुद को क्यों आबद्ध करना चाहिए ? मुझे कहना चाहिए कि मैं एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति हूं और मैं इसे गैर जिम्मेदारी से इस्तेमाल नहीं करुंगा. यह मेरी (व्यक्तिगत) सोच है. ‘ साल 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद भारत ने ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ की परमाणु नीति घोषित की थी.
#WATCH: Defence Minister Manohar Parrikar answers a question on nuclear strategy pic.twitter.com/1f0lTJaJw9
— ANI (@ANI) November 10, 2016
मीडिया को आडे हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि वे लोग प्रकाशित करेंगे कि परमाणु नीति बदल गई है. उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार में नहीं बदला है. यह मेरी धारणा है. व्यक्ति के तौर पर भी मैं महसूस करता हूं. मैं नहीं कह रहा कि आप इसे पहले इस्तेमाल करें. ‘ उन्होंने कहा कि ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परमाणु हथियारों के संभावित इस्तेमाल की बात कर भारत को धमकी दिया करते थे उन्होंने कहा कि ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ होने के बाद से कोई धमकी नहीं आई है. उन्होंने महसूस किया कि हम कुछ चीज कर सकते हैं जो बखूबी नहीं बताया गया है.
MoD Statement: What Defence Minister Parrikar said was his personal opinion and not official position.
— ANI (@ANI) November 10, 2016
यह पूछे जाने पर कि क्या इसका यह मतलब है कि भारत अपनी परमाणु नीति पर पुनर्विचार करने जा रहा है, पर्रिकर ने इसका नकारात्मक जवाब दिया. ब्रिगेडियर गुरमीत कंवल (सेवानिवृत्त) द्वारा संपादित ‘द न्यू अर्थशास्त्र…ए सेक्युरिटी स्ट्रेटजी ऑफ इंडिया’ के विमोचन के मौके पर मंत्री ने कहा, ‘‘मैं कुल मिला कर इस बारे में पुनर्विचार के लिए नहीं कह रहा.
मैं यह कह रहा हूं कि यदि मैं अपनी नीति को निर्धारित करुंगा, परमाणु पर सवाल होंगे, मेरे विभाग के काम काज को कोई पहलू होगा, यदि मैं इसे संभाव्य बनाउंगा, तब मैं हैरान करने वाला लाभ खो दूंगा. अप्रत्याशित रुप से आपको खास तरह की नीति बनानी होगी. आपको खुद के लिए फैसला करना होगा.’ पर्रिकर ने बार…बार जोर देते हुए कहा कि यह मेरा व्यक्तिगत विचार है. उन्हें लगता है कि हर चीज अपनी अहमियत खो देती है यदि कोई इस बारे में अनुमान लगाता है तो.
उन्होंने कहा कि सुरक्षा रणनीतिक कार्यक्रम में वह बहुत स्पष्ट हैं कि आपकी रणनीति को भी आंशिक रुप से अप्रत्याशित करने की जरुरत है. तभी जाकर यह वजनदार होगा. पर्रिकर ने यह भी कहा कि वह अक्सर ही आश्चर्य जताते हैं कि भारत के पास लिखित परमाणु नीति नहीं है.