भारत ने कश्मीर में किशनगंगा बिजली परियोजना पर विश्वबैंक के फैसले पर जतायी आपत्ति

नयी दिल्ली: भारत ने जम्मू-कश्मीर में किशनगंगा एवं राटले पनबिजली परियाजनाओं को लेकर पाकिस्तान द्वारा की गयी उसकी शिकायत पर ध्यान देने के लिए एक पंचाट का गठन एवं निष्पक्ष विशेषज्ञ को नियुक्त करने के विश्व बैंक के ‘‘अस्पष्ट” फैसले पर आज कडी आपत्ति जतायी.भारत ने विश्व बैंक से एक निष्पक्ष विशेषज्ञ नियुक्त करने की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2016 10:57 PM

नयी दिल्ली: भारत ने जम्मू-कश्मीर में किशनगंगा एवं राटले पनबिजली परियाजनाओं को लेकर पाकिस्तान द्वारा की गयी उसकी शिकायत पर ध्यान देने के लिए एक पंचाट का गठन एवं निष्पक्ष विशेषज्ञ को नियुक्त करने के विश्व बैंक के ‘‘अस्पष्ट” फैसले पर आज कडी आपत्ति जतायी.भारत ने विश्व बैंक से एक निष्पक्ष विशेषज्ञ नियुक्त करने की मांग की थी जबकि पाकिस्तान ने पंचाट के गठन की मांग की थी.निष्पक्ष विशेषज्ञ नियुक्त करने के विश्व बैंक के फैसले से हैरान भारत ने कहा कि दोनों पर एक साथ आगे बढना ‘‘कानूनी रूप से अतार्किक” हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने कहा, ‘‘विश्व बैंक ने अस्पष्ट तरीके से एक साथ दो समानांतर तंत्रों पर आगे बढने का फैसला किया है. भारत उन कार्र्रवाईर्यों का हिस्सा नहीं हो सकता जो सिंधु जल संधि के अनुरुप नहीं हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘सरकार और विकल्पों पर विचार करेगी और इसी के अनुरुप कदम उठाए जाएंगे।” भारत और पाकिस्तान ने 1960 में सिंधु जल संधि की थी और विश्व बैंक भी इसका हिस्सा है. संधि के तहत विश्व बैंक की, मतभेदों एवं विवादों के हल की प्रक्रिया में विशिष्ट भूमिका है.

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