संसद में हंगामे पर दुखी पीएम
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सांसदों से कहा कि सदन में जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर उनका दिल दुखी होता है. मनमोहन ने कहा कियह लोकतंत्र के लिए दुखद है कि शांति रखने की सभी अपीलों के बावजूद इस तरह की चीजें हो रही हैं.संसद की कार्यवाही लगातार बाधित होने से […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सांसदों से कहा कि सदन में जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर उनका दिल दुखी होता है. मनमोहन ने कहा कियह लोकतंत्र के लिए दुखद है कि शांति रखने की सभी अपीलों के बावजूद इस तरह की चीजें हो रही हैं.संसद की कार्यवाही लगातार बाधित होने से नाराज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि सदन में जो कुछ हो रहा है, उसे देखकर उनका दिल दुखी है और ये सब लोकतंत्र के लिए अफसोसनाक है.
लोकसभा में अंतरिम रेल बजट पेश किये जाते समय तेलंगाना मुददे पर हंगामे के तुरंत बाद सिंह से मिलने गये सांसदों के एक दल से उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए अफसोसनाक है कि शांति बनाये रखने की तमाम अपीलों के बावजूद ऐसी चीजें हो रही हैं.तेलंगाना मुद्दे पर हुए शोरशराबे और नारेबाजी के कारण रेल मंत्री मल्लिकाजरुन खडगे अपना बजट भाषण पूरा नहीं कर पाये और बाध्य होकर उन्हें अपना भाषण सदन पटल पर रखना पडा. संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने लोकसभा में हो रही घटनाओं की निन्दा करते हुए कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि (कार्यवाही में) बाधा पहुंचायी जा रही है. भावी लोकसभाओं के लिए यह अत्यंत खराब उदाहरण होगा. उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि नियम साफ तौर पर कहते हैं कि सदन हर सदस्य का होता है और इसकी मर्यादा की रक्षा करना सभी का कर्तव्य है.
कमलनाथ ने कहा कि सदन किसी वर्ग विशेष का नहीं होता. सदन की मर्यादा बनाये रखना सरकार और हर सदस्य का कर्तव्य है. साथ ही यह सुनिश्चित करना भी जरुरी है कि सदन नियमों के तहत चले. संसदीय लोकतंत्र चर्चा और विरोध के लिए होता है.जब पूछा गया कि क्या सदन में व्यवस्था बनाना सरकार का कर्तव्य है, कमलनाथ बोले, ‘‘ये सरकार का कर्तव्य नहीं है. ये सदन के हर सदस्य का कर्तव्य है. मूलभूत बात यह है कि सदन सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं होता. सदन अध्यक्ष और सदस्यों से नियंत्रित होता है.