नोटबंदी : दिल्ली सरकार ने विधानसभा का आपात सत्र बुलाया

नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य करने के फैसले से पैदा हुई विस्फोटक स्थिति पर चर्चा करने के लिए कल दिल्ली विधानसभा का एक आपात सत्र बुलाया गया है. साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की ‘कडक चाय’ वाली टिप्पणी को लेकर उन्हें आडे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2016 8:23 PM

नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य करने के फैसले से पैदा हुई विस्फोटक स्थिति पर चर्चा करने के लिए कल दिल्ली विधानसभा का एक आपात सत्र बुलाया गया है. साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की ‘कडक चाय’ वाली टिप्पणी को लेकर उन्हें आडे हाथ लेते हुए कहा कि इसके बजाय गरीब जहर खा रहे हैं. केजरीवाल ने लोगों द्वारा सामना की जारी मुश्किलों पर विचार करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने सिविल डिफेंस स्वयंसेवियों को तैनात करने का फैसला किया है जो बैंकों और एटीएम के बाहर कतार में खडे लोगों को पानी और अन्य चीजें मुहैया करेंगे.

साथ ही, कागजी काम में भी उनकी सहायता करेंगे. 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को अमान्य करने के फैसले को वापस लेने की अपनी मांग पर अडिग रहते हुए आप प्रमुख ने मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली को आडे हाथ लिया और कहा कि योजना को अमली जामा पहनाने की किसी ठोस योजना के अभाव में केंद्र ने स्थिति की गंभीरता समझने की क्षमता खो दी है. केजरीवाल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने जो कुछ कहा है उससे स्थिति ठीक उलट है. गरीब सो नहीं पा रहे हैं. वे लोग बैंकों के बाहर रातें गुजार रहे हैं. सिर्फ मोदी जी के मित्रों को चैन की नींद आ रही है. उन्होंने कडक चाय के नाम पर गरीबों को जहर पीने को मजबूर कर दिया.

‘ गौरतलब है कि मोदी जी ने आज उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में कडक चाय के बारे में टिप्पणी की थी. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खाने की चीजों, दवाइयों जैसी जरुरत की मूलभूत चीजों को खरीदने के लिए लोगों को रुपये पाने के लिए मशक्कत करते देख दुखी हैं. उन्होंने कहा कि सरकार जरुरतमंदों के लिए पका पकाया भोजना का बंदोबस्त करने का विकल्प तलाश रही है. इस सिलसिले में उन्होंने डिवीजनल कमिश्नर को अगले दो तीन दिनों में संभावना तलाशने को कहा है ताकि लंगर लगाया जा सके. दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव ने भी यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया है कि दिल्ली सरकार चालित अस्पतालों में कोई दिक्कत नहीं हो

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