शीत सत्र : नोटबंदी पर सड़क से संसद तक सरकार को घेरेगा विपक्ष, एनडीए भी तैयार

नयी दिल्ली : नोटबंदी पर संसद के शीत सत्र में सरकार को घेरने की संयुक्त रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस, चिर प्रतिद्वंदी तृणमूल कांग्रेस और माकपा सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को बैठक की. आरोप लगाया कि सरकार का फैसला पूर्व निर्धारित घोटाला है, जिसे पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा को लीक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2016 7:25 AM

नयी दिल्ली : नोटबंदी पर संसद के शीत सत्र में सरकार को घेरने की संयुक्त रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस, चिर प्रतिद्वंदी तृणमूल कांग्रेस और माकपा सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को बैठक की. आरोप लगाया कि सरकार का फैसला पूर्व निर्धारित घोटाला है, जिसे पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा को लीक कर दिया गया था.

संसद में सरकार को घेरने के तरीकों पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के संसद भवन स्थित कमरे में यह बैठक हुई. इसमें तृणमूल कांग्रेस, राजद, जदयू, भाकपा, माकपा, झामुमो और वाइएसआर कांग्रेस के नेता शामिल हुए. नेताओं ने एक साझा रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए मंगलवार को फिर से बैठक करने का फैसला किया.

सपा, बसपा, द्रमुक और राकांपा नेताओं की गैरमौजूदगी में बैठक बेनतीजा : बसपा, सपा, द्रमुक और राकांपा के नेताओं के अभाव में सोमवार की बैठक बेनतीजा रही. बैठक के बाद आजाद ने कहा कि कालाधन के खिलाफ पार्टियों में एकजुटता है, लेकिन समान रूप से सभी ने महसूस किया कि सरकार ने नोटबंदी संबंधी जानकारी सत्तारूढ़ भाजपा को लीक कर दी थी. यह एक पूर्वनिर्धारित घोटाला है. कहा,‘बैठक में कालाधन के खिलाफ आमराय रही, लेकिन हर कोई 500 और 1,000 रुपये के नोटों को अमान्य करने को लागू किये जाने के तरीके के खिलाफ था. यह अचानक हुआ और जानकारी सत्तारूढ़ दल को लीक कर दी गयी, जबकि अन्य पार्टियों को इसे लागू किये जाने के सिर्फ दो घंटे पहले पता चला.’

सरकार को जनता का समर्थन, विपक्ष के दबाव में फैसला वापस नहीं होगा

भाजपा और एनडीए ने नोटबंदी के सरकार के निर्णय का सोमवार का मजबूती से समर्थन किया, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने किसी पुनर्विचार से इनकार किया है. एनडीए दलों ने 16 शीत सत्र के दौरान विपक्ष से मुकाबले के लिए तैयारी की. सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नोटबंदी को अमान्य करने के निर्णय पर कोई पुनर्विचार नहीं हुआ. कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की लड़ाई को निर्णायक और तार्किक अंत तक पहुंचाया जायेगा. एनडीए दलों ने यह भी निर्णय किया कि वे नोटबंदी को अमान्य करने के सरकार के निर्णय की आलोचना करनेवाली विपक्षी दलों से उनके हर आरोप का माकूल जवाब देंगे. पार्टियों ने निर्णय किया कि वे बचाव की मुद्रा नहीं अपनायेंगी, क्योंकि लोगों ने इस कदम का समर्थन किया है. वे असुविधा का सामना करने के लिए तैयार हैं. पीएम ने एनडीए दलों से आग्रह किया है कि वे जनता में जायें और भ्रष्टाचार एवं कालेधन पर अंकुश में इससे मिलनेवाले लाभ बतायें. सहयोगी दलों से कहा कि इस कदम का श्रेय अकेले उन्हें नहीं जाता, बल्कि उन सभी दलों को जाता है जो सरकार के साथ खड़े हैं. वह अभियान को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे, क्योंकि उनके द्वारा उठाये गये कदमों ने लोगों को उम्मीद दी है कि चीजें सुधरेंगी.

अकाली दल, शिवसेना का भी समर्थन : बैठक में रामविलास पासवान ने ‘साहसिक एवं निर्णायक’ कदम के लिए पीएम को बधाई दी. शिवसेना नेता आनंदराव अड़सूल, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा और तेदेपा के टी नरसिम्हन ने भी समर्थन किया.

किसने क्या कहा

नोटबंदी पर हमारे और सरकार के बीच मतभेद है. हम कालाधन के खिलाफ हैं लेकिन नोटबंदी को लागू किये जाने के तरीके के खिलाफ हैं. लोगों को असुविधा हो रही है.

गुलाम नबी आजाद, नेता प्रतिपक्ष, राज्यसभा

पुराने नोटों को 31 दिसंबर तक लेन देन की इजाजत दी जाये. तृणमूल का राष्ट्रपति के पास जाने पर ज्यादातर पार्टियां सहमत हैं. यह मुद्दा पहले संसद में उठाया जाना चाहिए.

सीताराम येचुरी,महासचिव,माकपा

विपक्षी पार्टियों के नेता आज फिर बातचीत करेंगे. सभी एकजुट हैं. कोशिश विपक्ष को एकजुट रखना है.

शरद यादव,नेता,जदयू

सरकार के फैसले ने आम लोगों के लिए अप्रत्याशित मुश्किल पैदा कर दी है. सरकार आम लोगों पर बेईमान होने का संदेह नहीं कर सकती.

डी राजा,भाकपा नेता

पीएम ने बयान आम इनसान का अपमान है. अर्थशास्त्री मंदी की शुरुआत की भविष्यवाणी कर रहे हैं. छह दिनों में ही जीडीपी का 1.5 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा है.’

ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री,पश्चिम बंगाल

आरोप व्यक्तिगत नहीं लगने चाहिए. एक दलित की बेटी को नोटों की माला पहनायी जाये, इनके गले के नीचे नहीं उतरता. प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठकर इतनी ‘छिछोरी’ बात करेंगे तो समझ सकते हैं कि दलितों के मामले में मोदी सोच बदली नहीं है.

मायावती, बसपा, सुप्रीमो

Next Article

Exit mobile version