मीडिया के कामकाज में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए : मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि मीडिया के कामकाज में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. हालांकि, उन्होंने बाहरी नियंत्रण से चीजों के नहीं बदलने की बात कहते हुए समय के साथ उपयुक्त बदलाव कर स्व नियमन की सलाह भी दी. उन्होंने पत्रकारों की हाल में हुई हत्याओं पर भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2016 4:43 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि मीडिया के कामकाज में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. हालांकि, उन्होंने बाहरी नियंत्रण से चीजों के नहीं बदलने की बात कहते हुए समय के साथ उपयुक्त बदलाव कर स्व नियमन की सलाह भी दी.

उन्होंने पत्रकारों की हाल में हुई हत्याओं पर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह बहुत ‘दर्दनाक’ है और सच्चाई को दबाने का सबसे खतरनाक तरीका है. उनकी टिप्पणी बिहार में दो पत्रकारों की हत्या के मद्देनजर आई है. भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) के स्वर्ण जयंती समारोहों पर बोलते हुए मोदी ने मीडिया द्वारा स्व नियमन चाहे जाने पर अपनी बात के समर्थन में महात्मा गांधी का भी जिक्र किया.

उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी ने कहा था कि बेलगाम लेखन भारी समस्याएं पैदा कर सकता है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि बाहरी हस्तक्षेप अव्यवस्था पैदा करेगा. इसे (मीडिया को) बाहर से नियंत्रित करने की कल्पना नहीं की जा सकती.’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. यह सच है कि स्व नियमन आसान नहीं है…यह पीसीआई और प्रेस से जुड़ी अन्य संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वे देखें कि आप समय के साथ क्या उपयुक्त बदलाव कर सकते हैं. बाहरी हस्तक्षेप से चीजें नहीं बदलती हैं.’

हालांकि, प्रधानमंत्री ने किसी खास बदलाव का जिक्र नहीं किया, पर उन्होंने कहा कि अतीत में पत्रकारों के पास सुधार करने के लिए पर्याप्त समय होता था लेकिन इसके ठीक उलट अब तेज गति वाली इलेक्ट्रानिक एवं डिजिटल मीडिया के चलते ऐसी गुंजाइश नहीं है. उन्होंने 1999 में कंधार विमान अपहरण का जिक्र करते हुए कहा कि इंडियन एयरलाइंस की उड़ान में सवार यात्रियों के परिवारों की रोष भरी प्रतिक्रिया की चैनलों द्वारा चौबीस घंटों की रिपोर्टिंग ने आतंकवादियों के हौसले बुलंद किए क्योंकि उन्हें लगा कि वे इस तरह के जन दबाव से भारत सरकार से कुछ भी हासिल कर सकते हैं. मोदी ने कहा कि इस प्रकरण ने मीडिया में स्व नियमन शुरू कराया जो बाद में ऐसी घटनाओं की कवरेज के लिए नियमों के रुप में सामने आया.

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