नोट बंदी : पुराने नोट खपाने का नया खेल
नयी दिल्ली : नोटबंदी के कारण लोगों की मुसीबतें कम नहीं हो रही है. हर रोज बैंकों और एटीएम के बाहर कतारों की लंबाई बढ़ती जा रही है. नकदी की कमी के कारण कृषि से लेकर बाजार तक प्रभावित हो रहा है. सड़कों के किनारे ट्रकें खड़े हो गये हैं, लेकिन 500 और 1000 के […]
नयी दिल्ली : नोटबंदी के कारण लोगों की मुसीबतें कम नहीं हो रही है. हर रोज बैंकों और एटीएम के बाहर कतारों की लंबाई बढ़ती जा रही है. नकदी की कमी के कारण कृषि से लेकर बाजार तक प्रभावित हो रहा है. सड़कों के किनारे ट्रकें खड़े हो गये हैं, लेकिन 500 और 1000 के पुराने नोट कमीशन पर बदलने का धंधा खूब फलफूल रहा है. राष्ट्रीय राजधानी समेत कई राज्यों में दुकानदार 40 से 50 प्रतिशत के कमीशन पर नोट बदलने का काम कर रहे हैं.
दिल्ली के थोक बाजार चांदनी चौक, फतेहपुरी और सदर बाजार में पुराने और कटे-फटे नोट बदलनेवाले दुकानदार कमीशन पर नोट बदल रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि यह छोटे दुकानदार जाहिरा तौर पर बड़ी रकम की नकदी नहीं बदलते हैं. एक-दो नोट ही बदलते हैं, लेकिन किसी संपर्क अथवा बिचौलिये के जरिये पहुंचने पर एक लाख रुपये की पुरानी नकदी पर सौ-सौ रुपये की शक्ल में 50 हजार रुपये तक मिल सकते हैं. जानकारों का कहना है कि यह लोग पहले पुराने नोटों को फाड़ देते हैं और फिर उसे 30 दिसंबर से पहले रिजर्व बैंक में बदलवाकर मुनाफा निकाल लेंगे. सिंडीकेट ने कमीशन पर नोट बदलने का अनुपात कुछ इस प्रकार तय किया है कि बड़ी रकम पर टैक्स और 200 फीसद जुर्माना देने के बाद भी उन्हें कुछ फायदा मिल जायेगा.
बिल्डर भी सक्रिय
सूत्रों का कहना है कि गोवा में मोदी द्वारा बेनामी संपत्ति और रीयल एस्टेट क्षेत्र में सर्जिकल स्ट्राइल की आशंका से अब बिल्डर जल्द से जल्द अपने फ्लैटों को निकालने के चक्कर में हैं, जिसके लिए उन्होंने अपने दाम भी घटा दिये हैं. बिल्डर के पास करीब 60 फीसद कर्मचारी दिहाड़ी मजदूर और छोटे ठेकेदार होते हैं, जिन्हें रोजाना भुगतान किया जाता है. बुक कराने की राशि को बड़ी आसानी से वह तीस दिसंबर तक अपने दिहाड़ी मजदूरों के बीच खपा देंगे. इसके अलावा वह ठेकेदारों को भी अग्रिम भुगतान कर नये आर्डर दे रहे हैं. वहीं, पेट्रोल पंपों और मंदिरों के चढ़ावे के जरिये भी कालेधन को वैध बनाने की अफवाहें चल रही हैं.
बैंक से नहीं मिला धन दो लोगों की मौत
बलिया: उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के सहतवार के वार्ड नंबर एक के निवासी सुरेश सोनार (40) अपनी बेटी की शादी के लिए पुराने नोट को बदलवाने के लिए एसबीआइ की स्थानीय शाखा में गये थे, लेकिन नोट बदल ना पाने से वह बैरंग घर लौट आये. मंगलवार की रात उनकी तबीयत अचानक खराब हो गयी और मध्य रात्रि में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गयी. वहीं, महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में बैंक के बाहर कतार में खड़े 70 वर्षीय वृद्ध दिगंबर मरिबा कसबे की मौत हो गयी.