नोटबंदी : आजाद का विवादित बयान कार्यवाही से हटाया गया

नयी दिल्ली : राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के विवादित बयान को सदन की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. सरकार और भाजपा सांसदों के विरोध के बाद उप सभापति पी जे कूरियन ने आजाद के बयान को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया. आज सदन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2016 10:31 PM

नयी दिल्ली : राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के विवादित बयान को सदन की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. सरकार और भाजपा सांसदों के विरोध के बाद उप सभापति पी जे कूरियन ने आजाद के बयान को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया.

आज सदन की कार्यवाही के दौरान आजाद ने नोटबंदी के बाद मरने वाले लोगों की संख्या की तुलना उरी हमले में मारे गये लोगों से की. इस बयान के बाद सदन में हंगामे का माहौल कायम हो गया, जिसके कारण सदन की कार्रवाई को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा.

सरकार के शीर्ष मंत्रियों ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला और अरण जेटली ने इस बयान को ‘गैर जिम्मेदाराना’ बताया तथा वेंकैया नायडू ने इसे ‘राष्ट्रविरोधी’ बताते हुए माफी मांगे जाने की मांग की. उच्च सदन में आजाद ने कहा कि सरकार द्वारा 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने के बाद इस मसले के कारण 40 लोगों की मौत हुई है जबकि पाकिस्तानी आतंकवादियों के उरी हमले में मारे जाने वाले लोगों की संख्या उससे कहीं कम है.

आजाद ने कहा कि मुद्रा को चलन से बाहर करने की गलत नीति के कारण इन 40 लोगों की मौत के लिए ‘किसे दंडित किया जाना चाहिये’. उन्होंने कहा कि ‘लाखों लोगों को संकट झेलना पड़ा है. भाजपा और सरकार जिम्मेदार है. ‘ उनकी इस टिप्पणी का सत्तापक्ष की ओर से जबर्दस्त विरोध हुआ.

आजाद की टिप्पणी को ‘राष्ट्रविरोधी’ बताते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने मांग की कि पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिये और उप सभापति पी जे कूरियन से इसे सदन की कार्यवाही से निकालने की मांग की थी.

उन्होंने कहा, यह राष्ट्रविरोधी बयान है. पाकिस्तान इस बयान का इस्तेमाल करेगा. क्या आप पाकिस्तान को प्रमाणपत्र देना चाहते हैं. उन्होंने मांग की कि इस घटिया बयान के लिए ‘पूरी कांग्रेस पार्टी माफी मांगे. आजाद ने कहा कि वह लोगों की संख्या को केवल उद्धृत कर रहे थे जिनकी मौत सरकार के विमुद्रीकरण के फैसले के कारण हुई है. नायडू के विचारों से सहमति व्यक्त करते हुए संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि आजाद की टिप्पणी बेकार, राष्ट्रविरोधी और शहीदों का अपमान है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने आजाद का बचाव करते हुए उनके उपर किये गये प्रहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और उनकी टिप्पणियों को जबर्दस्ती शरारतपूर्ण ढंग से विकृत करना बताया.

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