शीतकालीन सत्र: क्या नियम 193 और नियम 56 से बाहर निकल पाएगी लोकसभा?

नयी दिल्ली : नोटबंदी के खिलाफ एकजुट विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा किया. इस वजह से गुरुवार को दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही. लोकसभा में मत विभाजन के नियम के तहत चर्चा कराने की मांग और राज्यसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदन में उपस्थिति की मांग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2016 8:37 AM

नयी दिल्ली : नोटबंदी के खिलाफ एकजुट विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा किया. इस वजह से गुरुवार को दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही. लोकसभा में मत विभाजन के नियम के तहत चर्चा कराने की मांग और राज्यसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदन में उपस्थिति की मांग को लेकर विपक्ष अड़ा रहा. लोकसभा में जैसे-तैसे प्रश्नकाल निबटाया गया और फिर पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी.जहां विपक्ष नोट बंदी को लेकर नियम 56 के तहत चर्चा कराने पर अड़ा है वहीं सरकार नियम 193 पर चर्चा कराने को तैयार है. इस मामले को लेकर आज भी लोकसभा में हंगामा होने की उम्मीद है.

इधर , राज्यसभा पांच बार स्थगित हुई और अंतत: शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी. राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर बुधवार से शुरू हुई चर्चा विपक्षी दलों के शोर शराबे के कारण गुरुवार को आगे नहीं बढ़ सकी. इस बीच, सरकार ने विपक्ष की यह मांग ठुकरा दी है कि राज्यसभा में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मौजूद रहेंगे और जवाब देंगे. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह सरकार तय करेगी कि बहस का जवाब कौन दे. जरूरी नहीं कि हर बहस में प्रधानमंत्री शामिल रहें. भाजपा की आपत्ति के बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के विवादित बयान को भी सदन की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. आजाद ने बैंकों में कैश लेने के दौरान लोगों की मौत की तुलना उड़ी हमले से की थी.

इससे पहले राज्यसभा में गुरुवार को विपक्ष इस मांग पर अड़ गया कि चर्चा के दौरान सदन में प्रधानमंत्री उपस्थित रहें. इसके चलते हुए हंगामे के कारण पांच बार के स्थगन के बाद अंतत: अपराह्न करीब सवा तीन बजे कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी. सरकार ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल इस विषय पर चर्चा को बाधित करने के बहाने तलाश रहे हैं. सूचना प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन के नियमों और स्थापित चलन के मुताबिक सरकार की ओर से चर्चा का जवाब संबंधित मंत्री या कोई अन्य व्यक्ति देंगे. नायडू ने कहा, ‘(राज्यसभा में) आधी चर्चा हो जाने के बाद उन्हें लगा कि इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. मुझे लगता है कि वे इससे बाहर आने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं और इसके मद्देनजर चर्चा बाधित कर रहे हैं.’

नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के बयान को लेकर भी सदन में माहौल गरम हो गया. उधर, लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, अन्नाद्रमुक के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे. विपक्षी दलों ने आम लोगों को हो रही परेशानियों और चुनिंदा लोगों को इस फैसले की जानकारी लीक करने का मुद्दा उठाते हुए कार्यस्थगित करके तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग की. इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन और जाली नोट को खत्म करने और आतंकवाद को खत्म करना हमारी सरकार की प्राथमिकता है. सरकार नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि सरकार चर्चा कराने को तैयार है. क्या आप चर्चा करना नहीं चाहते? लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने नियम 56 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया है. सभी दल चाहते हैं कि इस पर कार्य स्थगित करके चर्चा करायी जाये. हंगामे को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी.

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