नयी दिल्ली : शुक्रवार शाम बीबीसी हिंदी के साथ फेसबुक लाइव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कुछ मुद्दों को लेकर भड़क गये. उन्होंने बीबीसी की पत्रकारिता तक पर भी सवाल उठाये. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘नोटबंदी’ के मामले पर बीबीसी हिंदी से बातचीत करने के लिए तैयार हुए लेकिन बीच में ही वे पत्रकार के सवालों पर भड़क गये. फेसबुक लाइव पर किये गये इंटरव्यू की शुरुआत नोटबंदी से जुड़े कुछ व्यवहारिक सवालों के साथ हुई थी. इनके जवाब के तौर पर केजरीवाल ने कहा कि वे पीएम मोदी के इस फैसले के खिलाफ हैं. इससे देश की जनता को तमाम तरह की दिक्कतें हो रही हैं.
केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे नरेंद्र मोदी और उनके फैसले से सख्त नफरत है. यह सरकार आम आदमी की जेब से करीब ग्यारह लाख करोड़ रुपये निकलवाकर, उन्हें बैंकों में जमा करवाना चाहती है. ताकि देश की बड़ी-बड़ी कंपनियों का लोन माफ किया जा सके.’
केजरीवाल ने नोटबंदी को देश का अब तक का ‘सबसे बड़ा स्कैम’ करार देते हुए कई राजनेताओं और उद्योगपतियों पर भी गंभीर आरोप लगाये. सबूत के तौर पर केजरीवाल ने कुछ असत्यापित कागजात का हवाला दिया. साथ ही कहा कि मोदी सरकार के एक गलत फैसले के चलते देश के 55 निर्दोष लोगों की मौत हुई है. बीबीसी संवाददाता ने जब पूछा कि इन 55 लोगों की मौत को नोटबंदी से कैसे जोड़ा जा सकता है. केजरीवाल इसी बात पर भड़क उठे. फेसबुक लाइव में केजरीवाल ने बीबीसी की पत्रकारिता और निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए.
सोशल मीडिया पर कई प्रतिक्रिया
बीबीसी पे केजरीवाल के भड़कने की खबर के बाद सोशल मीडिया पर भी कई तरह की प्रतिक्रियाएं आयी हैं. कई लोगों ने केजरीवाल के इस बरताव पर आपत्ति जताई. वहीं बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो उनसे सहमत नजर आए. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने लिखा, ‘क्या कोई मुख्यमंत्री तर्क दे रहे किसी पत्रकार से ऐसे व्यवहार करता है?’ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मुजम्मिल हमदानी ने ट्वीट किया, ‘मैंने कभी साक्षात्कार के दौरान अरविंद केजरीवाल को ऐसे ग़ुस्से में नहीं देखा जैसे कि वो कल थे. ग़ुस्साया शेर गरीबों के लिए दहाड़ रहा है.’
पत्रकार रोहित सरदाना ने लिखा, ‘कल तक केजरीवाल जी कह रहे थे मोदी भक्त गुंडे हैं, रिपोर्टरों को हड़काते हैं. और जनाब बीबीसी के रिपोर्टर को खुद ही हड़का दिए.’ अनुराग शर्मा ने ट्वीट किया, ‘अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि 55 लोग लाइन में लग कर मर गये. अब उन्हें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि दिल्ली में कोई भी गरीब ठंड से न मरे.’ असित सिन्हा लिखते हैं, ‘अरविंद केजरीवाल के पास बीबीसी रिपोर्टर के सवाल का जवाब ही नहीं था. वो भड़क कर अपने आपको ही उजागर कर रहे हैं.’