सात राज्यों में शांतिपूर्ण हुआ मतदान, नोटबंदी के बाद मोदी की पहली अग्निपरीक्षा

आज जहां उपचुनाव था : चार लोकसभा सीट : पश्चिमबंगालका कूच बिहारवतमलुक, मध्यप्रदेश का शहडोल, असम में लखीमपुर लोकसभा सीट10 विधानसभासीट: पश्चिम बंगाल का मोंटेश्वर, मध्यप्रदेश कानेपानगर, तमिलनाडु में तंजावुर, अर्वाकुरुचि ओर तिरुप्पराकुंद्रम विधानसभा सीट, अरुणाचल प्रदेश में दूरस्थ अंजा जिले की हायुलियांग विधानसभा सीट,त्रिपुरा की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बरजाला और खोवाई विधानसभा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2016 2:55 PM

आज जहां उपचुनाव था :


चार लोकसभा सीट : पश्चिमबंगालका कूच बिहारवतमलुक, मध्यप्रदेश का शहडोल, असम में लखीमपुर लोकसभा सीट
10 विधानसभासीट: पश्चिम बंगाल का मोंटेश्वर, मध्यप्रदेश कानेपानगर, तमिलनाडु में तंजावुर, अर्वाकुरुचि ओर तिरुप्पराकुंद्रम विधानसभा सीट, अरुणाचल प्रदेश में दूरस्थ अंजा जिले की हायुलियांग विधानसभा सीट,त्रिपुरा की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बरजाला और खोवाई विधानसभा सीट, पुड्डुचेरी का नेल्लीथोपे विधानसभा सीट,असमका बैथालांगसो.


कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज छह राज्य व एक केंद्र शासित प्रदेश में लोकसभा की चार व विधानसभा की 10 सीटों के लिए उपचुनाव संपन्न हुआ. वोटिंग का सामान्य समय सुबह के सात बजे से शाम के तीन बजे तक था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी का एलान किये जाने के बाद यह पहला उपचुनाव है, जिसे भारतीय जनता पार्टी के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है. तय है कि इस चुनाव परिणाम में भाजपा की जीत और हार को नोटबंदी के उनके फैसले पर लोगों की सहमति व असहमति के रूप में देखा जायेगा. हालांकि दक्षिणी राज्यों व पश्चिम बंगाल में अधिक सीटें हैं, जहां परंपरागत रूप से भाजपा का जनाधार नहीं है.

तीन बजे दोपहर तक का वोटिंग प्रतिशत


त्रिपुरा : 78.42 प्रतिशत
पश्चिम बंगाल : 59.75 प्रतिशत
पुड्डुचेरी : 75.97 प्रतिशत
अरुणाचल प्रदेश : 50.20 प्रतिशत
असम : 53.02 प्रतिशत
मध्यप्रदेश : 59.44 प्रतिशत
तमिलनाडु : 61.53 प्रतिशत
(स्रोत : एएनआइ)

दोपहर तक का डेवलपमेंट

नयी दिल्‍ली/कोलकाता: कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हो रहे उपचुनाव में आज दोपहर एक बजे तक मध्‍य प्रदेश के शहडोल लोकसभा सीट पर 41 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जबकि नेपानगर विधानसभा सीट पर 53.28 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने यहां संवाददाताओं को बताया कि दोपहर एक बजे तक शहडोल लोकसभा सीट पर तकरीबन 41 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि नेपानगर विधानसभा सीट के लिए 53.28 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है.

वहीं असम में लखीमपुर संसदीय सीट और बैथालांगसो (सु) विधानसभा सीट के लिए आज उपचुनाव हो रहा है. लखीमपुर में दोपहर तक अनुमानत: 30 प्रतिशत और बैथालांगसो में 25 प्रतिशत मतदान हुआ है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मतदान आज सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुआ. लखीमपुर में मतदान शुरू में धीमे था और सुबह कुछ ही मतदाता मतदान के लिए बूथ पर पहुंचे. यद्यपि सुबह 10 बजे के बाद इसमें तेजी आयी. हालांकि बैथालांगसो विधानसभा क्षेत्र में मतदान अभी भी धीरे है. मध्यप्रदेश की दोनों सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं.

पश्चिम बंगाल में लोकसभा की दो विधानसभा की एक सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान शांतिपूर्ण चल रहा है. दोपहर एक बजे तक तीनों सीटों को मिलाकर कुल मतदान 50.70 प्रतिशत रहा. इनमें लोकसभा क्षेत्र कूचबिहार में 50.1 प्रतिशत वतमलुक में 50.91 प्रतिशत और मंटेश्वर में 58.57 फीसदी मतदान हुआ. तीनों ही सीटों के लिए तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, वाममोरचा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. हालांकि उपचुनाव के लिए इस बार कांग्रेस और माकपा ने कोई चुनावी गंठबंधन नहीं किया. इस बार दोनों ही पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है.

उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान के आखिरी चरण में नोटबंदी एक अहम मुद्दा बन गया था. इधर मतदान के दौरान कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस पर फर्जी मतदान का आरोप लगाया है. कांग्रेस के मुताबिक मंटेश्वर में 105 नंबर पोलिंग बूथ पर तृणमूल ने कब्जा कर लिया है. इसके अलावा कूचबिहार लोकसभा क्षेत्र के दिनहाटा विधानसभा केंद्र के 159, 162 और 163 नंबर बूथ पर भी तृणमूल पर कब्जा करने का आरोप लगाया गया है.

भाजपा ने कूचबिहार में पुनर्मतदान कराने की मांग की है. हिंसा का आरोप लगाते हुए भाजपा उम्मीदवार हेमेंद्र बर्मन ने कूचबिहार डीएम कार्यालय के सामने धरना दिया. हालांकि पुलिस ने उन्हें जबरन हटा दिया. इधर तमलुक लोकसभा क्षेत्र के हल्दिया के चैतन्यपुर में माकपा चुनावी एजेंट को धमकी देने का आरोप लगाया गया है.

भाजपा की अग्निपरीक्षा

केंद्र सरकार के नोटबंदी के निर्णय के बाद हो रहे इस उपचुनाव को अहम माना जा रहा है और इसे नोटबंदी के बाद सत्तारुढ भाजपा के लिये पहली बड़ी चुनावी परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है.

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