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जाकिर नाइक को एक और बड़ा झटका, NIA ने IRF के सभी खातों से लेन-देन पर लगायी रोक

नयी दिल्ली : विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक और उनके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की माली तौर पर कमर तोड़ने की कवायद के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज बैंकों से कहा कि वे नाइक और आतंकवाद निरोधक कानून के तहत प्रतिबंधित आईआरएफ के बैंक खातों से होने वाली सभी लेन-देन पर तत्काल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2016 7:00 PM

नयी दिल्ली : विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक और उनके एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) की माली तौर पर कमर तोड़ने की कवायद के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आज बैंकों से कहा कि वे नाइक और आतंकवाद निरोधक कानून के तहत प्रतिबंधित आईआरएफ के बैंक खातों से होने वाली सभी लेन-देन पर तत्काल रोक लगाएं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिन बैंकों में नाइक और आईआरएफ के खाते हैं, उन्हें कहा गया है कि वे अगले आदेश तक दोनों के खातों से होने वाले लेन-देन पर तत्काल रोक लगाएं.

एनआईए ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के अलावा आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढावा देना और सद्भाव बनाए रखने के खिलाफ हरकतें करना) के तहत नाइक, आईआरएफ और संस्था के अज्ञात पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इसके बाद तीन दिनों में 20 ठिकानों पर छापे मारे गये जिसमें नाइक और आईआरएफ से जुड़ी वित्तीय गतिविधियों और उनके बैंक खातों के ब्योरे जब्त किये गये.

सूत्रों ने कहा कि नाइक और आईआरएफ के बैंक खातों को ब्लॉक करने का कदम एनआईए के इस दावे के बाद उठाया गया कि उसने कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं जिससे पता चलता है कि आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में कथित तौर पर भर्ती हुए अबु अनस ने अक्तूबर 2015 में आईआरएफ से छात्रवृति के तौर पर 80,000 रुपये प्राप्त किये थे. पेशे से इंजीनियर और राजस्थान के टोंक जिले के रहने वाले अनस को जनवरी में एनआईए ने जब गिरफ्तार किया था, उस वक्त उसने हैदराबाद स्थित एक कंपनी की नौकरी छोड़ दी थी.

अनस पर गणतंत्र दिवस से पहले आतंकवादी हमले की कथित योजना बनाने का आरोप है. उस वक्त अनस आईएसआईएस से रिश्तों के आरोप में गिरफ्तार किया गया 16वां शख्स था. एनआईए ने दावा किया कि आईआरएफ की फंडिंग और धन के वितरण की छानबीन में पता चला कि अनस ने छात्रवृति के तौर पर 80,000 रुपये आईआरएफ से प्राप्त किये थे. सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी पत्र लिखा है कि वह आईआरएफ की ओर से संचालित वेबसाइट पर पाबंदी लगाये और उसकी ऑनलाइन गतिविधियों पर रोक लगाये, जिसमें सोशल नेटवर्किंग साइटों पर भाषणों के वीडियो डालना शामिल है.

गृह मंत्रालय वेबसाइट की यूनिवर्सल रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) को ब्लॉक करने के लिए एनआईए के अनुरोध को सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय के पास भेज देगा. एनआईए 19 नवंबर से ही छापेमारी कर रही है और उसने मुंबई में कम से कम 20 ऐसे परिसरों पर छापे मारे हैं जो आईआरएफ या उसके ट्रस्टियों से संबंधित हैं. छापेमारियों के दौरान नाइक के भाषणों के वीडियो टेप और डीवीडी, संपत्ति एवं निवेश से जुडे दस्तावेज, वित्तीय लेन-देनों के दस्तावेज, आईआरएफ को होने वाली विदेशी और घरेलू फंडिंग से जुड़ी जानकारी और इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज उपकरणों की बरामदगी हुई है.

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