#Demonitization आज रास में मोदी पर टिकीं सबकी नजरें
नयी दिल्ली : नोटबंदी को लेकर राज्यसभा में गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा सरकार पर किये गये वार के बाद देशभर के लोगों की नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिक गयी हैं. लोग इस नजर से देख रहे हैं कि राज्यसभा में विपक्षी दलों के वार के बाद प्रधानमंत्री मोदी क्या जवाब […]
नयी दिल्ली : नोटबंदी को लेकर राज्यसभा में गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वारा सरकार पर किये गये वार के बाद देशभर के लोगों की नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिक गयी हैं. लोग इस नजर से देख रहे हैं कि राज्यसभा में विपक्षी दलों के वार के बाद प्रधानमंत्री मोदी क्या जवाब देंगे.
गुरुवार को राज्यसभा में नोटबंदी पर चर्चा के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने सरकार पर वार करते हुए कहा कि नोटबंदी को लेकर हर दिन नये नियम बनाना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय इसके नियमों को लागू करने में फेल रहा है.
राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के बाद देश को होने वाले आर्थिक नुकसान के बारे में सरकार को आगाह करते हुए कहा कि देश में नोटबंदी लागू होने के बाद से कृषि, छोटे उद्योगों और असंगठित क्षेत्र के लोगों को नुकसान हुआ है. इससे देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दो अंक की गिरावट आ सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि नोट बदलने के लिए सरकार की ओर से जो 50 दिन दिये गये हैं, वह गरीबों के लिए पीड़ादायक साबित हो सकते हैं. आम लोगों को नोटबंदी से तकलीफ हुई है.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के नोटबंदी के फैसले से देश में 60-65 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. इसस देश के लोगों का देश की बैंकिंग और करेंसी सिस्टम से भरोसा कम होगा. उन्होंने नोटबंदी को लेकर सरकार के रुख पर अपनी असहमति जाहिर करते हुए कहा कि देश में नोटबंदी के नियम को लागू करने में बदइंतजामी हुई है. पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने तीखे तेवर में मोदी सरकार के नोटबंदी को व्यवस्थित तरीके से मचायी जा रही लूट करार दिया है.
राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के अलावा समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने सरकार के नोटबंदी के फैसले को उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर लिया गया फैसला बताया. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देजन नोटबंदी का फैसला लिया गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावुकता पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि भावुक प्रधानमंत्री मोदी देश की रक्षा कैसे कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि अगर हमारे देश के प्रधानमंत्री को जान का खतरा हो सकता है, तो फिर हमारे देश की पाकिस्तान से रक्षा कौन करेगा.
राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और सपा सांसद नरेश अग्रवाल के तीखे भाषण के बाद अब देश के लोगों की नजरें प्रधानमंत्री मोदी पर टिकी हुई हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों कई प्रमुख स्थानों पर दिये गये अपने भाषणों में यह कहा था कि देश के लोग नोटबंदी के समर्थन में हैं. बीते 13 नवंबर को गोवा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मंच से नोटबंदी के फैसले पर अपनी बात रखी थी. इस मौके पर वह कई बार भावुक होते नजर आये.
इतना ही नहीं, यहां पर इस भाषण के अंत तक प्रधानमंत्री की आंखों से आंसू भी झलक आये थे. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के शीतकालीन सत्र शुरू होने के एक दिन पहले भाजपा संसदीय समिति की बैठक में भाग लेने गये थे, तो उस समय भी नोटबंदी पर चर्चा के दौरान वे भावुक हो गये थे.
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के मामले पर सरकार की ओर से माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के जरिये कराये गये सर्वेक्षण के आधार पर यह कहा था कि देश के करीब 90 फीसदी से भी अधिक लोग नोटबंदी के समर्थन में हैं.