मुंबई : पाकिस्तान की आक्रामकता और एक भारतीय जवान के शव के साथ बर्बरता किये जाने के मुद्दे पर शिवसेना ने आज केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लक्षित हमलों का श्रेय लेने वाली सरकार को अब सीमा पर मौतों को रोक पाने में अपनी असफलता स्वीकार करनी चाहिए. पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा गया, ‘नोटबंदी के मामले में, सरकार देशभक्ति का रोज नया सबूत दे रही है. लेकिन यह सीमा पर पाकिस्तान की गतिविधियों पर बातचीत को तैयार नहीं है. सरकार भारतीय जवानों के मारे जाने और सिर काटे जाने का बदला लेकर अपनी देशभक्ति कब दिखाएगी?’
इसने कहा कि लक्षित हमलों के बाद पाकिस्तान की गतिविधियां बढ़ी ही हैं और सैनिकों की मौत का आंकड़ा दो गुना हो गया है. पार्टी ने कहा कि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के कठोर शब्दों के बावजूद सीमा पर तीन सैनिक शहीद हो गये. राजग गठबंधन की घटक शिवसेना ने कहा, ‘जब सरकार ने लक्षित हमले का फायदा लिया तो उसे अब विफलता को भी स्वीकार करना चाहिए.’
इसने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने एक फैसले (नोटबंदी) पर हर किसी को सड़कों पर ला खड़ा किया है तो उन्हें पाकिस्तान को कुचलने के लिए एक शाम ऐसा ही फैसला लेने की जरुरत है.’ मंगलवार को संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा नियंत्रण रेखा के पार से किये गये हमले में तीन भारतीय सैनिक शहीद हो गये थे. इनमें से एक के शव को क्षत-विक्षत कर दिया गया था. इसके बाद भारतीय सेना ने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भीषण जवाबी कार्रवाई की.