इंदौर : गिरफ्तारी से बचने के लिये आसाराम के बेटे नारायण साईं द्वारा सिख का छद्म वेश धारण किए जाने के खिलाफ दायर शिकायत पर अदालत ने अपना फैसला 22 फरवरी तक के लिये सुरक्षित रख लिया है. इस शिकायत में आरोप लगाया गया है कि नारायण के सिख व्यक्ति का हुलिया बनाने से समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं.
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज कुमार लडि़या ने सिखों के स्थानीय संगठन युवा सिख मोर्चा के अध्यक्ष गगनदीप सिंह भाटिया की शिकायत पर कल उनकी ओर से पेश अंतिम तर्क सुने और अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया. गगनदीप के वकील इंद्रजीत सिंह भाटिया ने बताया कि अदालत 22 फरवरी को फैसला सुनायेगी कि इस मामले में नारायण के खिलाफ मुकदमा चलाया जाये या नहीं.
भाटिया ने अपने मुवक्किल की याचिका के हवाले से कहा, बलात्कार के आरोपी नारायण ने गिरफ्तारी से बचने के लिये लाल पगड़ी पहनकर सिख व्यक्ति का हुलिया बनाया था. नारायण के यह वेश धारण करने से सिखों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. उन्होंने बताया कि उनके मुवक्किल ने अदालत से गुहार की है कि नारायण के खिलाफ सम्बद्ध कानूनी धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाये.
सूरत में 30 वर्षीय महिला से बलात्कार के आरोपी नारायण को उसके दो साथियों के साथ हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पास पिछले साल चार दिसंबर को पकड़ा गया था. तब वह 58 दिन से फरार था. गिरफ्तारी के समय उसने सिख का हुलिया बनाकर लाल पगड़ी पहन रखी थी.