लाल बत्ती की व्यवस्था समाप्त करने की याचिका पर केंद्र और राज्यों को नोटिस

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने विशिष्ट व्यक्तियों के वाहनों पर लाल बत्ती लगाने की अनुमति देने वाला नियम निरस्त करने के लिये दायर याचिका पर आज केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किये. न्यायमूर्ति आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकारों को चार सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब दाखिल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2014 9:19 PM

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने विशिष्ट व्यक्तियों के वाहनों पर लाल बत्ती लगाने की अनुमति देने वाला नियम निरस्त करने के लिये दायर याचिका पर आज केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किये. न्यायमूर्ति आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकारों को चार सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले में न्यायालय अब 14 मार्च को आगे सुनवाई करेगा.

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि मोटर वाहन नियम संविधान के खिलाफ है क्योंकि यह एक ऐसे वर्ग का सृजन करता है जो अपने वाहन में लाल बत्ती का प्रयोग कर सकते हैं. उनका कहना था कि यह ‘लोकतंत्र’ की अवधारणा के खिलाफ है.साल्वे ने इससे पहले न्यायालय में कहा था कि उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन के संबंधित नियमों का अवलोकन किया है और ब्रिटेन में तो प्रधानमंत्री तक अपने वाहन के उपर लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं करते हैं.उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी ऐसा कुछ नहीं है और लोगों को बेहद गोपनीय तरीके से सुरक्षा मुहैया करायी जाती है.शीर्ष अदालत ने गत वर्ष 10 दिसंबर को नेताओं और नौकरशाहों द्वारा लाल बत्ती के दुरुपयोग पर विराम लगाते हुये व्यवस्था दी थी कि सांविधानिक पदों पर आसीन माननीय कार्य के दौरान ही अपने वाहनों पर लाल बत्ती का प्रयोग कर सकते हैं. न्यायालय ने निजी व्यक्तियों के वाहनों में सायरन के इस्तेमाल पर भी पाबंदी लगा दी थी.

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