क्‍या बाजवा के नये आर्मी चीफ बनने से बदलेगा भारत-पाक रिश्‍ता ?

नयी दिल्‍ली : उरी हमले के बाद से भारत और पाकिस्‍तान के बीच रिश्‍ता रोजाना तनावपूर्ण होता जा रहा है. पाकिस्‍तान लगातार आतंकी घुसपैठ की घटना को अंजाम देने की फिराक में रहता है. भारतीय जवानों ने जिस तरह से पाक सीमा के अंदर घुसकर सर्जिकल स्‍ट्राइक को अंजाम दिया है उसके बाद से पड़ोसी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2016 10:10 PM

नयी दिल्‍ली : उरी हमले के बाद से भारत और पाकिस्‍तान के बीच रिश्‍ता रोजाना तनावपूर्ण होता जा रहा है. पाकिस्‍तान लगातार आतंकी घुसपैठ की घटना को अंजाम देने की फिराक में रहता है. भारतीय जवानों ने जिस तरह से पाक सीमा के अंदर घुसकर सर्जिकल स्‍ट्राइक को अंजाम दिया है उसके बाद से पड़ोसी देश बौखला गया है और बौखलाहट में सीमा पर अपनी कायरतापूर्ण कार्रवाई को अंजाम दे रहा है. पिछले दिनों पाक सैनिकों ने भारतीय सेना के जवानों के साथ काफी बर्बरता दिखायी थी, हालांकि इसके तुरंत बाद भारतीय सेना ने इसका बदला ले लिया और पाक सेना को काफी क्षति पहुंचाया.

भारत-पाक बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्‍तानी सेना में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. वर्तमान आर्मी चीफ राहील शरीफ इसी माह के आखिर में रिटायर हो रहे हैं और जनरल कमर जावेद बाजवा नये आर्मी चीफ बन जाएंगे. शरीफ के रिटायरमेंट और बाजवा के नये आर्मी चीफ बनने से भारत-पाक रिश्‍ते को लेकर संभावनाओं और कयासों का दौर शुरू हो गया है.

सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि क्‍या भारत के साथ बाजवा का रवैया उसी तरह से रहता है जिस तरह से शरीफ का रिश्‍ता भारत के साथ दुश्‍मनी भरा रहा है. हालांकि जानकारों की मानें तो उनका कहना है कि बाजवा को लेकर अभी से कयास लगाना जल्‍दबाजी होगी और भारत के साथ उनके रवैये को लेकर थोड़ा और इंतजार करना उचित होगा.
भारत के पूर्व आर्मी चीफ और बाजवा के साथ संयुक्‍त राष्‍ट्र के मिशन में काम कर चुके जनरल बिक्रम सिंह का भी यही मानना है कि बाजवा को लेकर अभी जल्‍दबाजी नहीं दिखानी चाहिए. भारत के साथ उनके रवैये को अभी से नहीं परखा जा सकता है. उन्‍होंने कहा, यूएन मिशन में जनरल बजवा का काम पूरी तरह से प्रोफेशनल और शानदार रहा है. लेकिन अंतरराष्‍ट्रीय माहौल में एक अफसर का व्‍यवहार अलग और अपने देश में अलग रहता है.
जनरल बिक्रम सिंह के अनुसार जनरल बाजवा को भारत के प्रति अपने देश की नीतियों की पूरी जानकारी है. इस लिए ऐसा लगता है कि कश्‍मीर मसले पर पाकिस्‍तान का जो रुख है उसमें नये आर्मी चीफ के आने से भी कोई बदलाव नहीं आने वाला है.
* एक नजर बाजवा पर
1. पाक अधिकृत कश्मीर और उत्तरी इलाकों में मामलों से निपटने में माहिर माने जाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा.
2. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बाजवा को फोर-स्टार जनरल के रैंक पर पदोन्नति देकर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) नियुक्त किया.
3. जनरल राहील मंगलवार को औपचारिक रुप से सेवानिवृत्त होंगे जिसके बाद बाजवा एक औपचारिक कार्यक्रम में पाकिस्तानी सेना का नेतृत्व संभालेंगे.
4. बाजवा प्रसिद्ध 10 कोर का भी नेतृत्व किया है जो नियंत्रण रेखा के क्षेत्रों का जिम्मा संभालती है.
5. मेजर जनरल के तौर पर बाजवा ने सेना की उत्तरी कमान का नेतृत्व किया. 10 कोर में लेफ्टिनेंट कर्नल के तौर पर भी सेवा दी.
6. कांगो में पूर्व भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के साथ संयुक्त राष्ट्र के मिशन में ब्रिगेड कमांडर भी रहे. सिंह ने वहां एक डिवीजन कमांडर के तौर पर सेवा दी थी.
7. इससे पहले बाजवा क्वेटा के इंफेंटरी स्कूल में कमांडेंट भी थे.
8. नये सेना प्रमुख के पास पीओके एवं उत्तरी क्षेत्रों में व्यापक भागदारी के कारण नियंत्रण रेखा से जुड़े मामलों का व्यापक अनुभव है.
9. बाजवा के पुराने सैन्य सहयोगियों का कहना है कि वह चर्चाओं में रहना पसंद नहीं करते और अपने सैनिकों के साथ काफी अच्छे से जुड़े हुए हैं.

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