नाभा जेल से फरार आतंकवादी हरमिंदर सिंह मिंटू दिल्ली से गिरफ्तार
नयी दिल्ली/चंडीगढ : खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के प्रमुख हरमिंदर सिंह मिंटू को आज दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया. वह कल पटियाला के नाभा जेल से पांच अन्य कैदियों के साथ फरार हो गया था. चंडीगढ में पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘दिल्ली पुलिस ने दिल्ली रेलवे स्टेशन से […]
नयी दिल्ली/चंडीगढ : खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के प्रमुख हरमिंदर सिंह मिंटू को आज दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया. वह कल पटियाला के नाभा जेल से पांच अन्य कैदियों के साथ फरार हो गया था. चंडीगढ में पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘दिल्ली पुलिस ने दिल्ली रेलवे स्टेशन से मिंटू को गिरफ्तार कर लिया.’ उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस की खुफिया सूचना के आधार पर खूंखार आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया.’ अधिकारी ने बताया, ‘हमने मिंटू के बारे में सूचना दी थी जिसके अधार पर दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.’
उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस की एक टीम उसे लाने के लिए दिल्ली जाएगी. मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है. कल शाम उत्तर प्रदेश पुलिस ने दिन दहाड़े जेल तोडने की साजिश रचने वाले कथित ‘मास्टर माइंड’ परमिंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया था. उसे उत्तर प्रदेश के शामली जिले में कैराना से उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब एक पुलिस चौकी पर भागने के लिए इस्तेमाल की गयी एक टोयोटा फॉर्च्यूनर गाड़ी को रोका गया.
पुलिस की वर्दी में सशस्त्र लोगों ने कल संतरियों को फाटक खोलने के लिए बरगलाया और उन्हें कैदियों के साथ जेल में बंद कर दनादन गोलियां चलायीं थी. इसके बाद मिंटू कल पांच अन्य कैदियों के साथ फरार हो गया था. अधिकारियों ने बताया कि भागने वाले अन्य कैदियों को पकडने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
थाईलैंड से नवंबर 2014 को यहां लाये जाने के बाद ‘मिन्टू’ को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वह दस आतंकी मामलों में वांछित था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिल कर केएलएफ प्रमुख के थाईलैंड में मौजूदगी के बारे में पता लगाया जिसके बाद उसे उसके प्रमुख सहयोगी गुरप्रीत सिंह ‘गोपी’ के साथ भारत लाया गया था. पंजाब पुलिस प्रमुख सुरेश अरोड़ा के मुताबिक, फरार होने वाले अन्य आतंकवादियों में कश्मीरा सिंह भी शामिल है.
कौन हैं आतंकी हरमिंदर मिंटू?
आपको बता दें कि जेल से भागा आतंकी हरमिंदर मिंटू खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का चीफ था. हरमिंदर सिंह मिंटू पर 2008 में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर हमले का आरोप है. साथ ही 2010 में हलवारा एयरफोर्स स्टेशन से विस्फोटक लूटने का भी आरोप है. वो पंजाब में शिवसेना के तीन नेताओं की हत्या की साजिश रचने के केस में भी आरोपी है. मिंटू को पंजाब पुलिस ने 2014 में दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था. हरमिंदर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी ट्रेनिंग ले चुका है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक आईएसआई मिंटू को पैसों और हथियार से मदद करती है.
जेल अधीक्षक और उपाधीक्षक बर्खास्त
सुरक्षाकर्मियों से कुछ खास प्रतिरोध का सामना किये बगैर ही छह कैदियों के भागने की बात सामने आने के बाद पंजाब सरकार ने दो वरिष्ठ जेल अधिकारियों – अधीक्षक एवं उपाधीक्षक को बर्खास्त कर दिया है. जबकि एडीजीपी (जेल) एम के तिवारी को निलंबित कर दिया गया. पंजाब सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एक एसआईटी भी बनाया है. सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) जगपाल सिंह संधु की अध्यक्षता में एक अलग जांच समिति बनायी गयी है जो ‘सुरक्षा में हुई चूक’ के पहलू की छानबीन करेगी. पंजाब पुलिस के प्रमुख सुरेश अरोड़ा ने कहा, ‘इसमें दो पहलू हैं. एक पहलू तो यह है कि जेल से भागने की घटना की जांच की जाएगी और दूसरा पहलू सुरक्षा में हुई चूक का है. कौन जिम्मेदार है, क्या कोई मिलीभगत है?’
ऐसे दिया घटना को अंजाम
डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा, ‘अज्ञात हमलावर पुलिस की वर्दी में और छोटे हथियारों से लैस होकर आये थे. उन्होंने जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों से कहा कि वे किसी कैदी को लेकर आये हैं.’ उन्होंने कहा कि करीब 35 गोलियां चली हैं. घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है. जेल के सुरक्षाकर्मी घटना के वक्त बहुत सतर्क नहीं थे और वे समुचित जवाबी कार्रवाई नहीं कर सके. पुलिस महानिदेशक ने कहा, ‘जेल के भीतर से भी गोलीबारी हुई है. हमें देखना होगा कि गोलीबारी प्रभावी क्यों नहीं थी.’ उन्होंने कहा कि ‘कहीं न कहीं कोई तो षड्यंत्र है और यदि गोलीबारी प्रभावी रही होती तो पूरा घटनाक्रम ही उलट होता.’ इस बीच, एक महिला उस वक्त मारी गयी जब जेल से कैदियों के फरार होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने जेल से करीब 20 किलोमीटर दूर पिकेट पर एक गाड़ी के नहीं रुकने पर गोलियां चला दी.
गृहमंत्री ने की थी मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात
जेल से कैदियों के भागने के बाद उत्तरी राज्यों में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से बात की. उन्होंने राज्य सरकार को जेलों की सुरक्षा बढ़ाने के साथ-साथ घटना पर तुरंत रिपोर्ट देने को कहा. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल से बातचीत की. सुखबीर ने डोभाल को घटना की पूरी जानकारी दी और बताया कि फरार हुए छह कैदियों की गिरफ्तारी के क्या प्रयास किये जा रहे हैं. सुखबीर ने कहा कि घटना के पीछे पाकिस्तान का हाथ हो सकता है क्योंकि नियंत्रण रेखा के पास हुए लक्षित हमले के बाद से ही वह राज्य में आतंकवाद को जिंदा करने में जुटा है. उन्होंने आश्वासन दिया कि इसके पीछे के ‘षड्यंत्र’ का जल्द पर्दाफाश होगा.