IAS अफसरों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने के नियम में संशोधन के विरोध में एकजुट गैर-भाजपा शासित 9 राज्य
IAS Cadre Rules 1954 Amendment Row: ममता बनर्जी के बाद तमिलनाडु के एमके स्टालिन, झारखंड के हेमंत सोरेन, केरल के पी विजयन और ओड़िशा के CM नवीन पटनायक ने भी नियम में संशोधन के खिलाफ आवाज उठायी है.
IAS Cadre Rules 1954 Amendment Row: भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से जुड़े नियमों में संशोधन के केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ गैर-भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) शासित राज्य एकजुट हो रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के आईएएस (कैडर) रूल्स 1954 के रूल 6 में संशोधन का प्रस्ताव किया है. पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, केरल, तमिलनाडु और झारखंड समेत 9 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस संशोधन का विरोध किया है.
ममता बनर्जी ने बुलंद किया था बगावत का झंडा
आईएएस (कैडर) नियमावली, 1954 में प्रस्तावित संशोधन का सबसे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विरोध किया था. एक सप्ताह के भीतर उन्होंने दो-दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी. ममता बनर्जी ने इस संशोधन प्रस्ताव को संघीय ढांचे के विपरीत बताया. साथ ही चेतावनी दी कि अगर इस प्रस्ताव को वापस नहीं लिया गया, तो वह इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जायेंगी.
झारखंड, ओड़िशा ने भी किया विरोध
ममता बनर्जी के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी नियम में संशोधन के खिलाफ आवाज उठायी है. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के हेमंत सोरेन कांग्रेस एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन की सरकार चला रहे हैं. ओड़िशा में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल की सरकार है.
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9 राज्यों के सीएम ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी
तमिलनाडु में द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (डीएमके) और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है. कांग्रेस के समर्थन से एमके स्टालिन यहां के मुख्यमंत्री हैं. केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की सरकार चल रही है. यहां के मुख्यमंत्री पी विजयन हैं. ओड़िशा, बंगाल, केरल, झारखंड, तमिलनाडु समेत 9 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि संशोधन भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ है. ममता बनर्जी ने तो यहां तक कहा है कि इससे अधिकारियों में ‘भय का माहौल’ पैदा होगा. उनका कार्य-निष्पादन प्रभावित होगा.
Nine non-BJP ruled states, including Odisha, WB, Kerala, TN, Jharkhand, have so far joined the clamour against Centre's proposal giving itself an overriding power while deciding on central deputation of IAS officers, saying they were against India's federal structure
— Press Trust of India (@PTI_News) January 26, 2022
आईएएस (कैडर) रूल्स 1954 के संशोधन प्रस्ताव में क्या?
केंद्र ने हाल ही में आईएएस (कैडर) रूल्स 1954 के रूल 6 में संशोधन का प्रस्ताव किया है. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार अगर किसी राज्य कैडर के आईएएस अधिकारी को रिलीव करने में आनाकानी करे, बेवजह की देरी करे, तो उस अधिकारी को केंद्र सरकार की ओर से दी गयी समयसीमा के बाद स्वत: कैडर से मुक्त मान लिया जायेगा. अर्थात् केंद्र को इस नियम में संशोधन के बाद राज्य सरकार की आपत्तियों को दरकिनार कर आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित करने का अधिकार मिल जायेगा.
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संविधान का मूलभूत ढांचा नष्ट हो जायेगा- बोले राज्य
गैर-भाजपा शासित राज्य सरकारों को केंद्र के इस प्रस्ताव पर आपत्ति है. राज्यों का कहना है कि ऐसे संशोधन से संघीय तानाबाना एवं संविधान का मूलभूत ढांचा नष्ट हो जायेगा. यह भी कहा गया है कि संशोधन लागू किये गये, तो केंद्र एवं राज्य के बीच एक-दूसरे की भावना के सम्मान के जज्बे को अपूरणीय क्षति पहुंचेगी.
Posted By: Mithilesh Jha