जज्बा : बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मिशन की खातिर भारूलता ने 32000 किमी का सफर कार से किया तय

नयी दिल्ली : प्रवासी भारतीय भारूलता कांबले का जज्बा ही कहेंगे कि उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मिशन के तहत लंदन से भारत तक करीब 32,000 किलोमीटर का लंबा सफर अपनी कार से ही तय कर लिया. गुजरात के नवसारी जिले की रहने वाली प्रवासी भारतीय इस महिला ने अकेले ही लंदन से भारत तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2016 10:10 AM

नयी दिल्ली : प्रवासी भारतीय भारूलता कांबले का जज्बा ही कहेंगे कि उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मिशन के तहत लंदन से भारत तक करीब 32,000 किलोमीटर का लंबा सफर अपनी कार से ही तय कर लिया. गुजरात के नवसारी जिले की रहने वाली प्रवासी भारतीय इस महिला ने अकेले ही लंदन से भारत तक सफर तय किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि वे भारत में लड़कियों के लिए एक बेहतरीन अस्पताल खोलने का सपना लेकर लंदन से भारत तक का सफर तय किया है. वह आठ नवंबर को मणिपुर के मारेह चौक पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने नौ पर्वतमालाओं, तीन बड़े मरुस्थल और दो महाद्वीप पार किये. उनकी यात्रा को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया जायेगा.

करीब 32 देशों की यात्रा करने के बाद भारत पहुंचने वाली 43 वर्षीय भारूलता कांबले का कहना है कि इस यात्रा को तय करने में उन्हें कुल 57 दिन का समय लगा और करीब 32 देशों के लोगों से उनका संपर्क हुआ है. उन्होंने यह यात्रा भारत सरकार का बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मिशन को पूरा करने के लिए किया है. इस यात्रा के दौरान उन्होंने 32 देशों में इसका संदेश पहुंचाया है.

भारूलता कांबले बताती हैं कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने नवसारी में एक बेहतरीन अस्पताल खोलने के लिए इन 32 देशों से फंड भी इकट्ठा किया है. उन्होंने बताया कि नवसारी में उन्होंने अपने दादा को अस्पताल में अपनी आंखों के सामने दम तोड़ते देखा है, क्योंकि वहां आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं नहीं थीं. उन्होंने कहा कि वह ऐसी पहली महिला हैं, जिसने 57 दिन में 32 हजार किमी का सफर तय किया है.

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