नोटबंदी : वीरान पड़ी है शिमला की पहाड़ियां, पांच फीसदी भी नहीं आ रहे पर्यटक
नयी दिल्ली : देश में नोटबंदी का प्रतिकूल असर पर्यटन उद्योग पर दिखना शुरू हो गया है. हिमाचल प्रदेश के शिमला में सर्दी की शुरुआत में आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आयी है. आलम यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल शिमला में पर्यटकों की संख्या पांच फीसदी के बराबर […]
नयी दिल्ली : देश में नोटबंदी का प्रतिकूल असर पर्यटन उद्योग पर दिखना शुरू हो गया है. हिमाचल प्रदेश के शिमला में सर्दी की शुरुआत में आने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आयी है. आलम यह है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल शिमला में पर्यटकों की संख्या पांच फीसदी के बराबर भी नहीं रही गयी है.
Tourism this season is just 5% of last year, streets and hotels both are empty. Business here is affected a lot: Shopkeeper #DeMonetisation pic.twitter.com/ndG7mqC3e8
— ANI (@ANI) November 28, 2016
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर किये गये ट्वीट के अनुसार, शिमला के दुकानदारों और वहां आने वाले पर्यटकों का कहना है कि नोटबंदी के बाद से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी घट गयी है. यहां के दुकानदार बताते हैं कि इस साल सर्दी की शुरुआत में पिछले साल की तुलना में पांच फीसदी पर्यटक भी अभी तक नहीं आये हैं. उनका कहना है कि नोटबंदी से यहां का पर्यटन उद्योग बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है.
We are facing no trouble due to #DeMonetisation, we are trying to make as much cashless transactions as possible: Tourist pic.twitter.com/ul8LTqHNjt
— ANI (@ANI) November 28, 2016
वहीं, यहां आने वाले पर्यटकों का कहना है कि भारत में नोटबंदी लागू होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके पास इस समय 500 और हजार रुपये के पुराने नोट बरकरार हैं, लेकिन उसे कोई ले नहीं रहा है. इसके अलावा, यहां के सेब के कारोबार पर भी नोटबंदी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
सेब के कारोबारियों का कहना है कि इस समय उन्हें अपने कारोबार को संभालने में परेशानी हो रही है. उनके पास जो कोई भी आता है, वह 2000 रुपये का बड़ा नोट ही देता है. अब उनके पास खुले पैसे के अभाव में बड़े नोटों का खुल्ला कर पाना संभव नहीं हो पाता है. ऐसे में वह अपना कारोबार भी ढंग से नहीं कर पा रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के पूंछ के सेब के व्यापारियों का कहना है कि नोटबंदी का सबसे बड़ा प्रभाव उनके कारोबार पर पड़ रहा है. उनका कहना है कि कोईभी ग्राहक 2000 रुपये से छोटा नोट देता ही नहीं है.