नयी दिल्ली : सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज नोट बंदी के खिलाफ विपक्ष के द्वारा बुलाये गए बंद को फ्लॉप शो करार दिया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष का बंद पूरी तरह से फ्लाफ रहा और उसे आम लोगों का समर्थन नहीं मिला. इससे साबित होता है कि मोदी सरकार के फैसले के साथ जनता पूरी तरह से है.
वेंकैया नायडू ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि जनाक्रोश रैली पूरी तरह से फ्लाफ रही और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा रैली में कोई अन्य नहीं था. उन्होंने कहा कि माकपा नेता विमान बोस ने खुद ही कहा कि बंद का आह्वान गलती थी क्योंकि इसकी तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला. उन्होंने दावा किया कि लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस ऐतिहासिक निर्णय से खुश है. उन्हें कुछ परेशानियां पेश आ रही है लेकिन वे समझते हैं कि यह देश के सर्वश्रेष्ठ हित में है. संसद में जारी गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर वेंकैया नायडू ने कहा कि हम चर्चा करने को तैयार है. हमने कहा है कि प्रधानमंत्री सदन में आयेंगे और चर्चा में हस्तक्षेप करेंगे। चर्चा का जवाब वित्त मंत्री अरुण जेटली देंगे.
उन्होंने कहा कि वह पूछना चाहते हैं कि समस्या क्या है ? सदन में कामकाज क्यों नहीं चलने दे रहे हैं. सदन में चर्चा के नियमों के बारे में एक सवाल के जवाब में वेंकैया ने कहा कि प्रक्रिया के अनुसार कोई भी मंत्री जवाब दे सकता है. 10 दिसंबर 2009 को तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल लिब्राहन आयोग की रिपोर्ट पर बोले थे.