नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य कर दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी सिनेमाघरों को आदेश दिया है कि यह सुनिश्चित किया जाये कि राष्ट्रगान के समय स्क्रीन पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाये. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सिनेमा में ड्रामा क्रिएट करने के लिए राष्ट्रीय गान का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. राष्ट्रीय गान बजते समय सिनेमाघरों के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा. कोर्ट ने कहा कि सिनेमा हॉलों में राष्ट्रीय गान बजने के समय सभी दर्शकों को उसके सम्मान में खड़ा होना होगा.
कोर्ट ने सरकार को निर्देश जारी किया कि सरकार सभी राज्य के मुख्य सचिव और प्रिंट तथा इलेक्ट्रानिक मीडिया को यह आदेश जारी कर दे. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जनहित याचिका पर सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के अपमान को लेकर सरकार से इस स्पष्टीकरण की मांग की थी कि किन परिस्थितियों में और किस प्रकार से राष्ट्रगान का अपमान होता है.
दरअसल सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाता है लेकिन कुछ लोग इस बात का विरोध जताते हैं कि राष्ट्रगान के समय कई लोग खड़े न होकर उसका अपमान करते हैं जो कि राष्ट्र के हित में नहीं होता. इसलिए याचिका को लेकर यह भी मांग की जा रही है कि किसी भी कार्यक्रम के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान के लिए उचित नियम और प्रोटोकॉल तय किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल एक नवंबर को इस मामले पर पहली सुनवाई की थी. सरकार से जवाब मांगने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 30 नवंबर को निर्धारित की थी. जस्टिस दीपक मिश्रा और अमिताव राय की बेंच ने श्याम नारायण चौकसे की याचिका पर सरकार से यह राय मांगी थी. याचिका में मांग की गयी थी कि सुप्रीम कोर्ट यह निर्देश जारी करे कि देशभर में सिनेमा हॉल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाये जाने चाहिए और उसका सम्मान किया जाना चाहिए.