सर्जिकल स्ट्राइक के बाद BSF ने मारे 15 से ज्यादा पाकिस्तानी रेंजर्स : डीजी बीएसएफ
नयी दिल्ली : सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) की कार्रवाई में अबतक 15 से ज्यादा पाकिस्तानी रेंजर्स और करीब 10 आतंकवादी मारे गये हैं. सीमार पार से गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है. दुश्मन (आतंकवादी) घुसपैठ के लिए सुरंगों का इस्तेमाल करते हैं. यह जानकारी बीएसएफ के डीजी के के […]
नयी दिल्ली : सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) की कार्रवाई में अबतक 15 से ज्यादा पाकिस्तानी रेंजर्स और करीब 10 आतंकवादी मारे गये हैं. सीमार पार से गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है. दुश्मन (आतंकवादी) घुसपैठ के लिए सुरंगों का इस्तेमाल करते हैं. यह जानकारी बीएसएफ के डीजी के के शर्मा ने आज प्रेस कांफ्रेंस में ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आतंकवादी घुसपैठ के लिए सुरंगों का इस्तेमाल करते हैं. नयी टेक्नोलॉजी की मदद से ही कई ऐसी सुरंग पकड़ी गयी हैं जिन्हें बनाकर घुसपैठ करने का प्रयास किया जा रहा था.
शर्मा ने कहा कि बीएसएफ की चौकसी के कारण ही आतंकवादी भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हमने सीमा पर ऑपरेशन रुस्तम शुरू किया है जिससे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी रखी जा रही है. शर्मा ने कहा कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि बार्डर की चौकसी और मजबूत की जाए. इस काम के लिए बाड़ को मजबूत करने में नयी तकनीक का सहारा लिया जा रहा है.
शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के सांबा में सुरंग के सहारे घुसपैठ के मामले में पाकिस्तानी अधिकारियों से बात की गयी है. उन्होंने बताया कि सीमा पर चौकसी के कारण ही मालदा सीमा पर नकली नोटों की बरामदगी में भारी गिरावट आई है. नेपाल सीमा पर भी बीएसएफ की चौकसी से नकली नोटों की सप्लाई पूरी तरह थम गयी है.
शर्मा ने कहा कि जवानों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए योगा का भी सहारा लिया जा रहा है इसके लिए बाबा रामदेव की निगरानी में लगातार कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व खबर आयी थी कि दुश्मन की गोलियों की तुलना में बीमारी से ज्यादा जवानों की मौत हुई है. शर्मा ने कहा कि योग के अच्छे परिणाम भी दिख रहे हैं जवानों के औसत वजन में भी कमी आयी है.
दूसरी ओर नोटबंदी के बाद जवानों के परिवारों को आने वाली समस्याओं पर पूछे गये सवाल के जवाब में शर्मा ने बताया कि हमारे जवान और उनके परिवारों को तमाम कैशलेस स्कीम से जोड़ा जा चुका है जिससे कैश में कमी के कारण उन्हें परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.