नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने एक और सुधारवादी कदम उठाते हुए गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए नियमों को और कड़ा कर दिया है. सरकार के नये नियमों के अनुसार अब देश के तमाम एनजीओ और स्वैच्छिक संस्थाओं को सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए नीति आयोग में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा.
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पूछे गये एक सवाल के जवाब में योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह नेबुधवार कोजानकारी देते हुए कहा कि देश के सभी एनजीओ औरस्वैच्छिकसंस्थाओं को नीति आयोग में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले यूनिक पहचान बनानी होगी. इसके लिए नीति आयोग की ओर से शुरू किये गये एनजीओ दर्पण पोर्टल पर खाता बनाना होगा.
गौरतलब है कि सरकार के इस सुधारवादी नियम आने के पहले देश में किसी भी स्थान पर एनजीओ और स्वैच्छिक संस्थाओं को संचालित करने के लिए रजिस्ट्रेशन के तीन साल बाद उन्हें सरकारी अनुदान का पात्र माना जाता रहा है. इसके लिए उन्हें तीन साल तक लगातार अपने खर्च से कार्यक्रमों का संचालन करने के साथ संगठनों और संस्थानाओं का संचालन करना होता था.
अब जबकि सरकार ने नये नियम बना दिये हैं, तो देश में सभी एनजीओ और स्वैच्छिक संस्थानों को सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए नीति आयोग में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.