कोलकाता/नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य के विभिन्न हिस्सों में टोल प्लाजों पर सैनिकों की मौजूदगी के विरोध में आज भी राज्य के सचिवालय में ही रुकी हुई हैं. उन्होंने पूछा है कि क्या यह ‘‘सैन्य तख्तापलट है’. दरअसल पश्चिम बंगाल में सेना के अचानक हुए मूवमेंट से वे हरकत में आ गयीं. यहां यह भी सवाल उठता है कि क्या वे ‘काल्पनिक सैन्य तख्तापलट’ से आशंकित हैं? मालूम हो कि नोटबंदी के बात ममता बनर्जी ही नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मुखर आवाज बनी हैं. वे कोलकाता से बाहर दिल्ली, लखनऊ व पटना तक नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीखा विरोध-प्रदर्शन कर चुकी हैं और मोदी को देश की राजनीति से बाहर कर देने या खुद ‘मर’ जाने की कसमें खा चुकी हैं. ममता बनर्जी का तीखा और अति आक्रामक राजनीतिक तेवर उन्हें दूसरे नेताओं से खास बनाता है, लेकिन कई बार इससे कई सवाल उठ खड़े होते हैं कि क्या उनकी आशंकाओं में अतिरेक है?
WB CM still inside Nabanna,Bengal state govt secretariat.She had said yesterday "will stay here until army in front of Nabanno is withdrawn" pic.twitter.com/s8dAG1UFnu
— ANI (@ANI) December 2, 2016
बहरहाल, जवान सचिवालय के निकट स्थित टोल प्लाजा से बीती रात ही हट चुके हैं. ममता ने राज्य सचिवालय नबन्ना में कल देर रात संवाददाताओं से बात की. उन्होंंने कहा, ‘‘हमारे लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए मैं सचिवालय में ही रुकूंगी.’ उन्होंने पूछा, ‘‘क्या यह सैन्य तख्तापलट है.’ ममता ने कहा कि मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी, दार्जीलिंग, उत्तर 24 परगना, बर्धमान, हावड़ा और हुगली आदि जिलों में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि सेना को राज्य सरकार को सूचित किए बगैर तैनात किया गया है. यह अभूतपूर्व और बेहद गंभीर मामला है.
We have full respect for the army, but we are told that the data they are looking for is already available: Derek O'Brien (TMC) pic.twitter.com/1nwtVCBX8g
— ANI (@ANI) December 2, 2016
तृणमूल नेतृत्व ने इस मुद्दे को संसद के दोनों सदनों में उठाने और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को इस बारे में सूचित करने का फैसला लिया. तृणमूल के सांसदों ने आज दोनों सदनों में इस मामले को उठाया भी, तृणमूल को इस मुद्दे पर कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद और बसपाकीमायावती का साथ भी मिला,लेकिनलोकसभा में रक्षामंत्रीमनोहर पर्रिकर ने और राज्यसभा में रक्षा राज्य मंत्रीसुभाष रामराव भामरेने उनकी आशंकाओं कोखारिज कर दिया. सरकार ने सेना का इसेरूटिन मूवमेंट बताया.पर्रिकर ने कहा कि पहले यहा 28, 29 व 30 नवंबर को होने वाला था, लेकिन 28 की बंद के मद्देनजर इसे एक व दो दिसंबर को किया गया. उन्होंने कहा किइससे पहलेयूपी, बिहार व झारखंड में यह मूवमेंट हो चुका है. पर्रिकर ने इसकी जानकारी को पुलिस को दिये जाने की बात कहते हुए इसेराजनीतिककुंठा बताया. राज्यसभा में भामरे ने कहा कि इस संबंध में हावड़ा के डीएम को पत्र लिखा गया था. भामरे के बयान को तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय ने सदन को भ्रमित करने वाला बताया.
North 24 Parganas (West Bengal): Army deployment at Barrackpore Kalyani Highway pic.twitter.com/1hxyVCBmc1
— ANI (@ANI) December 2, 2016
विपक्ष ने पहले ही तय कर ली थी रणनीति
आज सुबह इस मुद्दे पर पार्टी के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने बताया था, ‘‘हम सभी राजनीतिक दलों से बात कर रहे हैं. इस मुद्दे को आज संसद में उठाने की योजना है. देखते हैं.’ तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर उन्हें इस घटना की जानकारी देने पर विचार कर रहे हैं. पूरे देश को पता चलना चाहिए कि किस तरह भाजपा प्रतिशोधात्मक राजनीति कर रही है.’
तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि उन्होंने कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद से बात कर इस मुद्दे से मिलकर निबटने पर चर्चा की है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल ने सुबह बनर्जी से फोन पर बात की और घटना के बारे में जानकारी ली.
Bengal CM ke sath zyatti ho rahi hai.Bhartiya Samvidhan par bahut bada hamla hai ye. Sena ka rajneetikaran nahi karna chahye: Mayawati in RS pic.twitter.com/QtvtXOpCaR
— ANI (@ANI) December 2, 2016
रक्षा प्रवक्ता ने रखा पक्ष
रक्षा प्रवक्ता के मुताबिक सेना भार संवाहकों (लोड कैरियर) के बारे में सांख्यिकीय डेटा जुटाने के उद्देश्य से देशभर में द्वी-वार्षिक अभ्यास कर रही है और यह पता लगा रही है कि किसी भी आकस्मिक घटना की स्थिति में उनकी उपलब्धता हो सकती है या नहीं. पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती के सवाल पर मेजर जनरल सुनील यादव ने कहा कि यह एक हमारे ऑपरेशनल उद्देश्य से किया गया अभ्यास था.
वहीं विंग कमांडर एसएस बिर्दी ने कहा, ‘‘इसमें डरने की कोई बात नहीं है और यह सरकारी आदेशों के मुताबिक ही किया जा रहा है.’ सेना ने कहा कि यह नियमित अभ्यास है और इस बारे में पश्चिम बंगाल पुलिस को पूरी जानकारी है और यह उसके सहयोग से ही किया जा रहा है.
This is baseless, we deny this charge: Major General Sunil Yadav on army collecting money from people at the toll counters in WB pic.twitter.com/ZUDI21weRH
— ANI (@ANI) December 2, 2016
डेरेक ने कहा, सेना का बयान गलत
बहरहाल, डेरेक ओ ब्रायन ने सेना के इस दावे को गलत बताया है. ब्रायन ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘सेना को ससम्मान कहना चाहता हूं कि वह रिकॉर्ड दुरुस्त कर ले, पहला तो यह कि सारा डेटा पहले से उपलब्ध है, दूसरा वाहनों की तलाशी नहीं ली जा सकती क्योंकि उन्हें इसका अधिकार नहीं है. सेना की ओर से कहा गया कि पूर्वी कमान पुलिस के सहयोग से अभ्यास कर रही है लेकिन यह दावा पूरी तरह गलत है. इसके अलावा सैनिकों को मध्य रात्रि के बाद भी जिलों में भेजा गया. मुख्यमंत्री ने इस पर रात भर सचिवालय से नजर रखी है. बनर्जी अब भी वही हैं.’