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हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों पर हमारी नजर : नौसेना चीफ

नयी दिल्ली:भारतीय नौसेना चीफ ने आज कहा कि उसे हिंद महासागर के क्षेत्र में चीनी नौसेना के पोतों और पनडुब्बियों की तैनाती एवं आवागमन की जानकारी है तथा वह उन पर ‘पैनी नजर’ बनाए हुए है..उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की नौसेना के पोत और पनडुब्बियों का सवाल है तो भारतीय नौसेना […]

नयी दिल्ली:भारतीय नौसेना चीफ ने आज कहा कि उसे हिंद महासागर के क्षेत्र में चीनी नौसेना के पोतों और पनडुब्बियों की तैनाती एवं आवागमन की जानकारी है तथा वह उन पर ‘पैनी नजर’ बनाए हुए है..उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की नौसेना के पोत और पनडुब्बियों का सवाल है तो भारतीय नौसेना उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर और निगरानी रखती है. पीएलए नौसेना बलों की हिंद महासागर में तैनाती के समुद्री दायरे को लेकर जागकरुता है.’ नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमने उन पर नजर रखने के लिए विमान और पोत के रुप में निगरानी मिशन की शुरुआत की है. उन्होंने 2012 से अपनी पनडुब्बियों की तैनाती शुरू की थी.’

लांबा ने पाकिस्तान के उस दावे को ‘बकवास’ करार दिया कि भारत की एक पनडुब्बी उसके जलक्षेत्र में दाखिल हो गई थी.उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तानी नौसेना जिस इलाके का दावा कर रही है वहां कोई भारतीय पनडुब्बी तैनात नहीं थी. जहां तक किसी दूसरे देश की पनडुब्बी को पीछे की ओर करने की बात है तो यह आसान काम नहीं है और पाकिस्तानी नौसेना का दावा पूरी तरह बकवास है. हम वहां पनडुब्बियां तैनात करते हैं जहां अभियान संबंधी आवश्यकता होती है और हम उनकी तैनाती करना जारी रखेंगे.

सशस्त्र बलों का नागरिक-सैन्य संबंध स्वस्थ है : नौसेना प्रमुख

भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने आज कहा कि सशस्त्र बलों का ‘‘स्वस्थ नागरिक-सैन्य संबंध” है और सशस्त्र बलों को जब भी बुलाया जाता है तो नागरिकों को राहत मुहैया कराना उसका कर्तव्य होता है.नौसेना दिवस के अवसर पर वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में एडमिरल लांबा ने कहा, ‘‘हमारे स्वस्थ नागरिक-सैन्य संबंध हैं. हम जहां भी गए हैं, हमने सराहनीय काम किया है. चाहे यह चेन्नई हो या जम्मू-कश्मीर :की बाढ: या जब कानून-व्यवस्था की दिक्कतें पैदा हो जाए. और मुझे इसमें कोई दिक्कत नजर नहीं आती.”

एडमिरल लांबा इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या असैन्य इलाकों, खासकर आपदा राहत के दौरान, सशस्त्र बलों की मौजूदगी को नागरिक-सैन्य संबंधों में टकराव के तौर पर देखा जाता है. उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई जरुरत हो तो सशस्त्र बल हर स्वरुप में समर्थन मुहैया कराएंगे, चाहे कानून-व्यवस्था की बात हो या आपदा राहत की बात हो. यह हमारी क्षमता के भीतर है. मेरा मानना है कि यह समर्थन मुहैया कराना हमारा कर्तव्य है, चाहे जब भी हमें ऐसा करने के लिए बुलाया जाए.” एडमिरल लांबा ने कहा कि देश के नागरिक सशस्त्र बलों की सराहना करते हैं और उन्हें पता है कि वे एक प्रभावशाली संगठन हैं जो अपना कर्तव्य निभाता है. नौसेना प्रमुख का बयान ऐसे समय में आया है जब पश्चिम बंगाल के कई टोल प्लाजा पर थलसेना की मौजूदगी के मुद्दे पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कडा विरोध दर्ज कराया है. ममता इस वाकये के विरोध में रात भर राज्य सचिवालय में रहीं और इसे ‘‘सैनिक तख्तापलट” की कोशिश करार दिय

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