पीएम के पसंदीदा ऑफिसर में शुमार होते हैं सीबीआई के नये इंचार्ज निदेशक
नयी दिल्ली : सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा की सेवानिवृत्ति के बाद राकेश अस्थाना को सीबीआई का प्रभार दिया गया है. अस्थाना गुजरात कैडर के 1984 बैच के अधिकारी हैं. सीबीआई के पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति होने तक अस्थाना सीबीआई निदेशक का कार्यभार संभालेंगे. ज्ञात हो कि सीबीआई के विशेष निदेशक आर के दत्ता निदेशक पद […]
नयी दिल्ली : सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा की सेवानिवृत्ति के बाद राकेश अस्थाना को सीबीआई का प्रभार दिया गया है. अस्थाना गुजरात कैडर के 1984 बैच के अधिकारी हैं. सीबीआई के पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति होने तक अस्थाना सीबीआई निदेशक का कार्यभार संभालेंगे. ज्ञात हो कि सीबीआई के विशेष निदेशक आर के दत्ता निदेशक पद की दौड़ में शामिल थे, लेकिन उनका दो दिन पहले ही गृह मंत्रालय में ट्रांसफर कर दिया गया था. राकेश अस्थाना की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद ऑफिसरों में की जाती है.
कैसे होता है सीबीआई प्रमुख का चयन
सीबीआई प्रमुख का चयन एक कॉलेजियम करता है जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता या विपक्ष के सबसे बड़े दल के नेता और प्रधान न्यायाधीश होते हैं. अभी कॉलेजियम की बैठक नहीं हो पायी है. कॉलेजियम की बैठक होने व नये पूर्णकालिक निदेशक के चयन होने तक राकेश अस्थाना सीबीआई निदेशक का प्रभार संभालेंगे.
चारा घोटाला व पुरुलिया हथियार कांड की जांच में थे शामिल
अस्थाना सीबीआई में पहले डीआईजी और पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं. इस दौरान उन्होंने बिहार में चारा घोटाला, पुरुलिया हथियार मामला, भ्रष्ट लोक सेवकों और अन्य के खिलाफ ट्रैप मामला और आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति मामले की जांच को दोषसिद्धि के अंजाम तक पहुंचाया था.
वह सूरत और वडोदरा में पुलिस आयुक्त, अहमदाबाद में संयुक्त पुलिस आयुक्त, वडोदरा रेंज के आईजीपी, सीआईडी (अपराध) के डीआईजी, एसपी और डीएसपी रह चुके हैं.वह गोधरा कांड मामले सहित कई संवेदनशील मामलों की जांच से जुडे रहे हैं. सीबीआई से जुडने से पहले वह अतिरिक्त महानिदेशक (आर्म्ड यूनिट) गुजरात पद पर थे. आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं के केस की जांच में अस्थाना ने अहम भूमिका निभायी है.
झारखंड से है नाता
राकेश अस्थाना ने हाईस्कूल की पढ़ाई रांची के नेतरहाट स्कूल से की है. उन्होंने रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से भी पढ़ाई की है. जेएनयू से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने रांची के संत जेवियर्स कॉलेज में कुछ दिनों तक अध्यापन का कार्य भी किया है.