महागंठबंधन, शहाबुद्दीन और नोटबंदी समेत कई मुद्दों पर बोले नीतीश

नयी दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में देश और झारखंड की राजनीति, महागंठबंधन तथा अपनी सरकार की उपलब्धियों परखुलकर बात की. उन्होंने महागंठबंधन में मतभेद और भाजपा की ओर अपने झुकाव से जुड़ी अटकलों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि कालेधन के खिलाफ ठोस नतीजे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2016 5:01 PM

नयी दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में देश और झारखंड की राजनीति, महागंठबंधन तथा अपनी सरकार की उपलब्धियों परखुलकर बात की. उन्होंने महागंठबंधन में मतभेद और भाजपा की ओर अपने झुकाव से जुड़ी अटकलों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि कालेधन के खिलाफ ठोस नतीजे के लिए देश में नोटबंदी के साथ-साथ शराबबंदी और बेनामी संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है. कालेधन में करेंसी की हिस्सेदारी बेहद सीमित है. इसलिए केवल नोटबंदी से कालेधन के पूरे सिस्टम को खत्म नहीं जा सकता. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में खुद के पीएम कैंडिडेट होने की संभावनाओं से जुड़े सवाल को यह कह कर टाल दिया कि फिलवक्त जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाना उनका बड़ा लक्ष्य है.

नीतीश कुमार ने भरोसा जताया कि महागंठबंधन अपना टर्म पूरा करेगा. शहाबुद्दीन कोई मुद्दा नहीं है. शहाबुद्दीन के मामले में सरकार को जो करना चाहिए था, वह किया गया. रूल ऑफ लॉ के मामले में हम कोई कंप्रोमाइज नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि वे लोहिया से प्रेरित हैं. इसलिए बोलने में नहीं, काम करने में विश्वास करते हैं. उन्होंने कहा कि सही को सही कहना उनकी आदत का हिस्सा है. राष्ट्रहित उनके लिए पार्टी हित से बड़ा है.

महागंठबंधन पर बोले सीएम नीतीश
नीतीश ने पूरी बेबाकी से कहा कि बिहार में हमने मिल कर चुनाव लड़ा और सरकार मिल कर काम कर रही है. पांच साल के लिए जनता ने हमें चुन कर भेजा है. इसे चलना तो चाहिए ही.नीतीश ने कहा, ‘लालू प्रसाद और हमारे बीच कोई मतभेद या गलतफहमी नहीं है. हमलोग ज्वाइंट मीटिंग करते हैं. सारी चीजें सही जगह पर हैं.’
यही तो है गवर्नेंस
नीतीश ने कहा कि बिहार में गवर्नेंस को समझने के लिए स्वतंत्र नजरिया जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘हमने कॉमन मीनिमम प्रोगाम के तहत सात निश्चय पर सरकार में आने के तुरंत बाद से काम शुरू किया और इस पर जोर-शोर से काम चल रहा है.’ उन्होने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड और उससे रोजगार की तलाश में भटक रहे युवकों को मिल रही मदद की चर्चा की. नीतीश कुमार ने कहा कि सारे कॉलेजों में मुफ्त वाईफाई, हर घर नल का जल, शौचालय तथा बिजली का कनेक्शन पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपने सभी चुनावी वादों को निभाने का निश्चय किया है. इनमें शराबबंदी का फैसला भी शामिल है.
नोटबंदी पर रखी की राय
नीतीश कुमार ने नोटबंदी पर अपनी राय को स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं इसका समर्थन करता हूं, लेकिन अकेले नोट बंद करने से कालाधन समाप्नत हीं होगा. बेनामी संपत्ति और आभूषणों पर प्रहार करना होगा. हमने बिहार में शराब पर पाबंदी लगायी. शराब के कारोबार में दो नंबर के काम पर असर पड़ता है.यह बेनामी संपत्ति पर रोक लगाने का सही वक्त है.
ज्यादा एग्रेशन से परसेप्शन बिगड़ रहा
नोटबंदी पर ममता बनर्जी के रुख को लेकर पूछे गये सवाल पर नीतीश ने कहा, ‘ज्यादा एग्रेशन से परसेप्शन बिगड़ता है. लोग गलत समझने लगते हैं. मैं हरएक के विचार का सम्मान करता हूं. मैं किसी के बयान पर जवाब क्यों नहीं दूंगा.’
पीएम बनना नहीं, जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाना लक्ष्य
नीतीश कुमार ने 2019 के लोकसभा चुनाव में खुद के पीएम कैंडिडेट होने के सवाल पर कहा, ‘प्रधानमंत्री का पद मजाक का पद नहीं है. कई लोगों (दल) को इसके लिए समर्थन करना होता है. पीएम पद के बारे में इस तरह की हल्की बात नहीं होनी चाहिए. जब कैंडिडेट बनने का अवसर आयेगा, तब बन जायेंगे और पीएम बनना ही होगा, तो कोई रोक लेगा क्या. मेरे लिए मिशन 2019 कुछ नहीं है. उस दिशा में अभी कोई कदम गंभीरता से नहीं उठाया जा रहा है. मेरा राष्ट्रीय लक्ष्य जदयू को राष्ट्रीय पार्टी बनाना है.’

नालंदा विवि के चांसलर के त्यागपत्र से हैरानी

नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े सवालों के जवाब में नीतीश ने कहा, ‘सेंट्रल को जितनी सक्रियता दिखानी थी, उतनी नहीं दिखायी. हम नालंदा विवि का पुर्नजन्म चाहते हैं. जार्ज यू के त्यागपत्र से हम हैरान हैं. उन्हें केंद्र ने चांसलर बनाया. उन्हें भरोसे में लेना चाहिए था, लेकिन केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर पायी. आइडिया ऑफ नालंदा विवि के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. इसकी मूल भावना को समझना चाहिए.’

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