हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन: पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति से अलग से मुलाकात की
अमृतसर :हार्ट ऑफ एशिया में भारत-अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है. इस संबंध में एमइए विकास स्वरूप ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति से अलग से भेंट की. दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाने पर सहमति जताई. यहां उल्लेख कर दें कि भारत और अफगानिस्तान में सबसे […]
अमृतसर :हार्ट ऑफ एशिया में भारत-अफगानिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है. इस संबंध में एमइए विकास स्वरूप ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति से अलग से भेंट की. दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाने पर सहमति जताई. यहां उल्लेख कर दें कि भारत और अफगानिस्तान में सबसे बड़ी समानता यह है कि सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद के घाव का सबब भारत के लिए भी पाकिस्तान है और अफगानिस्तान के लिए भी पाकिस्तान ही है.
इस वार्ता के पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. अशरफ गनी से पाक प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने मुलाकात की. दोनों के बीच चंद मिनटों तक बात हुई.आपको बता दें कि दो दिवसीय हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन शनिवार को अमृतसर में शुरू हुआ. इस सम्मेलन में मुख्य तौर पर बढ़ते आतंकवाद व चरमपंथ के खतरे पर चर्चा हो रही है. साथ ही अफगानिस्तान के समक्ष पेश विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है. पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे सरताज अजीज भी शनिवार को अमृतसर पहुंचे. उन्होंने सद्भावना के तौर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को फूलों का एक गुलदस्ता भेजा है और उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की.
पीएम मोदी से सरताज अजीज ने बीती रात मुलाकात की. दोनों नेताओं ने हाथ भी मिलाया लेकिन दोनो के बीच किसी तरह की बातचीत नहीं हुई. अमृतसर में आज हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन को पीएम मोदी संबोधित करेंगे. सम्मेलन से इतर भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर बढ़ रहे तनाव को लेकर बातचीत की संभावना भी जतायी जा रही है. हालांकि, यह वार्ता मुश्किल है. भारत स्पष्ट कर चुका है कि आतंक व वार्ता साथ-साथ नहीं हो सकती.
40 देश ले रहे हिस्सा
भारत, चीन, रूस, ईरान और पाकिस्तान समेत 14 देशों के वरिष्ठ अफसर इसमें हिस्सा ले रहे हैं और 17 सहयोगी देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. करीब 40 देशों व यूरोपीय यूनियन जैसा बड़ा समूह सम्मेलन में शिरकत कर रहा है.
क्या है हार्ट ऑफ एशिया?
आतंकवाद, चरमपंथ व गरीबी से निबटने के लिए अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए 2011 में शुरू की गयी पहल में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान, अजरबैजान, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब जैसे देश शामिल हैं.
Beginning together before the #HeartofAsia Ministerial. PM @narendramodi and President @ashrafghani hold an important bilateral meeting pic.twitter.com/BiNN7SMTB9
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) December 4, 2016