तनाव के बीच दुआ-सलाम: 100 फुट की चहलकदमी के बीच सरताज-डोभाल की बातचीत

अमृतसर : हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान के साथ रिश्‍तों को लेकर भारत का रुख बेहद सावधानी भरा दिखा. एक तस्वीर में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज हाथ मिलाते नजर आए, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सरताज अजीज टहलते हुए बातचीत करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2016 7:57 AM

अमृतसर : हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में पाकिस्तान के साथ रिश्‍तों को लेकर भारत का रुख बेहद सावधानी भरा दिखा. एक तस्वीर में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज हाथ मिलाते नजर आए, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सरताज अजीज टहलते हुए बातचीत करते नजर आए. दोनों देशों के प्रतिनिधियों से जुड़ी सिर्फ यही दोनों तस्वीरें सामने आई. पाकिस्तान ने जहां दावा करते हुए कहा कि अजीज और डोभाल ने चहलकदमी के दौरान बात की, वहीं भारत ने रिश्तों में जमी बर्फ के बीच किसी भी तरह की बातचीत की खबरों को झुठला दिया है. खबर है कि अजीत डोभाल व सरताज अजीज के बीच संक्षिप्त वार्ता हुई. इससे पहले रात्रि भोज में अजीज ने मोदी के साथ दुआ-सलाम भी की. डोभाल-अजीज के बीच करीब 30 मिनट तक वार्ता हुई.

इससे पहले रविवार को इस सम्मेलन को पीएम मोदी ने संबोधित किया और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ आतंकी ताकतों के खिलाफ ही नहीं, बल्कि इनको सहयोग, शरण, प्रशिक्षण व वित्तीय मदद देने वालों के विरुद्ध भी ‘दृढ़ कार्रवाई’ की जरूरत है. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि चुप्पी और निष्क्रियता से आतंकियों व उनके आकाओं का ही हौसला बढ़ेगा.

अमृतसर में रविवार को ‘हार्ट ऑफ एशिया’ के छठे सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि आतंकी हिंसा का बढ़ता दायरा क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा है,जिसे समाप्त करना होगा. उन्होंने कहा कि ‘हॉर्ट ऑफ एशिया’ अफगानिस्तान में बदलाव में मदद के मकसद से स्थापित मंच है. आतंक व बाहर से प्रोत्साहित अस्थिरता ने अफगानिस्तान की शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए गंभीर खतरा पैदा किया है. ऐसे में आइए, हम अफगानिस्तान को शांति का क्षेत्र बनाने के लिए खुद को फिर से समर्पित करते हैं. इससे पहले इस वार्षिक मंत्रीस्तरीय सम्मेलन का अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ संयुक्त रूप से पीएम मोदी ने उद्घाटन किया. इस दौरान पाकिस्तानी पीएम के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज सहित करीब 30 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के विकास को लेकर भौतिक सहयोग के लिए हमारी द्विपक्षीय व क्षेत्रीय प्रतिबद्धताएं जारी रहनी चाहिए. रक्तपात व डर पैदा करनेवाले आतंकी नेटवर्क को पराजित करने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है. हमें चुनौती को लेकर संदेह नहीं है, लेकिन हम सफल होने के लिए प्रतिबद्ध भी हैं. मोदी ने कहा कि हम सब काबुल को दक्षिण व मध्य एशिया के बीच संपर्कों को मजबूती प्रदान करने के केंद्र के तौर पर देखते हैं.

अफगान का पाक को दो टूक : नहीं चाहिए 50 करोड़ डॉलर

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में कहा कि वह अघोषित युद्ध बंद करे साथ ही 50 करोड़ रुपये की पाकिस्तानी मदद को लेने से इनकार करते हुए कहा कि पाक इसका इस्तेमाल अपनी सरजमीं पर आतंक को रोकने में करे. उन्होंने अपने देश के पुननिर्माण में भारत की सहायता की तारीफ की. गनी ने कहा कि पाक तालिबान समेत कई आतंकी संगठनों को चोरी-छिपे समर्थन दे कर एक तरह से जंग छेड़ रखा है. पाकिस्तान को भी पता है कि आतंकवाद, उग्रवाद व अन्य गैर कानूनी गतिविधियों से कौन लाभ प्राप्त कर रहा है. सच्चाई जानने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की मांग की. उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान पर कोई आरोप नहीं लगा रहे, जो हकीकत है बयां कर रहे हैं. तालिबान के शीर्ष कमांडर ने भी कहा था कि यदि पाकिस्तान पनाह नहीं दे, तो यह संगठन एक महीने भी नहीं टिक सकेगा. सीमा पार आतंकी हमलों को बढ़ावा देना अौर फिर इनकार करना की पाकिस्तान की प्रवृत्ति है. उन्होंने देश के पुनर्निर्माण के लिए 50 करोड डॉलर देने के संकल्प के लिए पाक का शुक्रिया अदा किया. लेकिन, पूछा कि यदि वह अातंक को समर्थन देता रहा, तो यह राशि किस काम की.भारत की सहायता को पारदर्शी बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच हवाई कॉरिडोर जल्द शुरू होगा.

अजीज की सफाई : दोषारोपण करना सरल

पाकिस्तान के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने पलटवार करते हुए कहा कि किसी एक देश पर दोषा रोपण करना सरल है. हमें एक वस्तुपरक व व्यापक रुख रखने की जरूरत है. उन्होंने भारत-पाक संबंधों के तनाव का मुद्दा उठाया. हालांकि जम्मू-कश्मीर का जिक्र नहीं किया. यह भी कहा कि नियंत्रण रेखा पर तनाव के बावजूद अमृतसर आना साबित करता है कि अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए पाक पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने सार्क सम्मेलन रद्द होने पर अफसोस जताया. चीन-पाक आर्थिक गलियारे का जिक्र करते हुए कहा कि हम बढ़ती क्षेत्रीय परिवहन जरूरतों को पूरा करने के लिए इसे महत्वपूर्ण मानते हैं.

एक और ‘चाल’ नाकाम : भारत-अफगान एयर कॉरिडोर पर राजी

प्रधानमंत्री व अफगानिस्तान के राष्ट्रपति गनी के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. एक अरब डॉलर की राशि का उपयोग करने पर सहमति बनी. पीएम ने दोनों देशों के बीच एयर कॉरिडोर बनाने का सुझाव दिया, िजसे गनी ने जल्द अंतिम रूप देने का वादा िकया. पाक इस कॉरिडोर को रास्ता देने से इनकार करता रहा है.

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