चेन्नई : दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां स्थित राजाजी हाल के मैदान में जनसमूह उमड पडा है. राजाजी हॉल के बाहर पुलिस को जयललिता के समर्थकों को नियंत्रित करने के लिए हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा और लाठी भांजनी पड़ी. यह स्थिति यहां अपार भीड़ जमा होने के कारण उत्पन्न हुई. जयललिता का पार्थिव शरीर राजाजी हॉल में ही रखा गया है.
धर्म, जाति और उम्र की सीमाओं से परे लोग बडी संख्या में अपनी प्यारी और श्रद्धेय नेता जे जयललिता को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे हैं. शहर में सार्वजनिक परिवहन के साधन नहीं चल रहे हैं और ऐसे में लोगों को लंबी दूरी तक पैदल चलने में भी परहेज नहीं है. शहर के बीचोंबीच, अन्ना सलाई के करीब स्थित राजाजी हॉल में उदासी और दुख के माहौल के बीच, नम आंखें लिए लोग अम्मा की आखिरी झलक पाने के लिए पहुंच रहे हैं. जयललिता के अनुयायी उन्हें ‘अम्मा’ :मां: कहकर पुकारते थे. जयललिता का कल रात निधन हो गया. राजाजी हॉल की ओर जाने वाली सभी सडकों में लोगों की भारी भीड है. लोग अपनी नेता के अंतिम दर्शन के लिए बहुत दूर से पैदल चले आ रहे हैं. भारी भीड के कारण सडकों पर सार्वजनिक यातायात के साधन भी बंद हैं.
तडके जयललिता का पार्थिव शरीर उनके आवास पोएस गार्डन से राजाजी हॉल लाया गया. तब से यहां लोगों की भीड बढती ही जा रही है. इस स्थान पर पर्याप्त संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है, लेकिन उसे भी भीड को नियंत्रित करने में कठिनाई हो रही है. अम्मा के निधन पर रोती हुई महिलाओं सहित भावुक समर्थक पुलिस की ओर से लगाये गये अवरोधक तोडने का प्रयास कर रहे हैं. यह लोग उस स्थान तक पहुंचने की कोशिश में हैं, जहां से वह अपनी पसंदीदा हरी साडी में लिपटी ‘‘पुराची थलैवी’ को देख सकें…. पुलिस को किसी भी प्रकार की अनहोनी रोकने के लिए ‘हल्के बल’ का भी प्रयोग करना पड रहा है. शोक में डूबे लोगों को लोहे की बाड से घिरी दो कतारों के जरिये जयललिता के पार्थिव शरीर के पास तक जाने देने का इंतजाम किया गया है.
जयललिता के पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से ढका गया है और पुरातात्विक महत्व वाली इमारत राजाजी हॉल की सीढियों पर रखा गया है. लोग जयललिता की एक झलक पाने के लिए अपनी सहूलियत के अनुसार खिडकियों, दरवाजों और राजाजी हॉल के पास बने सरकारी सुपर स्पेशियल्टी अस्पतालों के सायबानों और निजी इमारतों पर एकत्र हैं.