गम में डूबा देश, हर आंख नम: जेल से लौटने के बाद बीमार रहने लगीं थीं जयललिता

चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता का सोमवार की देर रात निधन हो गया. इसके बाद चेन्नई समेत पूरा तमिलनाडु शोक में डूबा हुआ है. एक तरह से यहां जनजीवन धीमी पड़ गयी है. शहर की सड़कें वीरान हैं और दुकानें बंद. ऑटोरिक्शा सहित सार्वजनिक परिवहन सेवा सड़कों से नदारद हैं. राज्य में करीब-करीब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2016 8:10 AM

चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता का सोमवार की देर रात निधन हो गया. इसके बाद चेन्नई समेत पूरा तमिलनाडु शोक में डूबा हुआ है. एक तरह से यहां जनजीवन धीमी पड़ गयी है. शहर की सड़कें वीरान हैं और दुकानें बंद. ऑटोरिक्शा सहित सार्वजनिक परिवहन सेवा सड़कों से नदारद हैं. राज्य में करीब-करीब पूर्णत: बंद जैसी स्थिति है. लोग अपनी नेता के अंतिम दर्शन के लिए भूखे-प्यासे और कई किलोमीटर पैदल चल कर चेन्नई पहुंचे और यहां राजाजी हाल के मैदान में उदासी और दुख के माहौल के बीच नम आंखें लिये उन्हें श्रद्धांजलि दी. धर्म, जाति और उम्र की सीमाओं से परे लोग बड़ी संख्या में अपनी प्यारी और श्रद्धेय नेता जे जयललिता को अंतिम विदाई दी. इस दौरान अम्मा के निधन पर रोती हुई महिलाएं सहित भावुक समर्थक पुलिस द्वारा बनाये गये अवरोधक को तोड़ने का प्रयास किये, जिस पर पुलिस लाठीचार्ज कर उन्हें दूर किया.

शोक में डूबे लोगों को लोहे की बाड़ से घिरी दो कतारों के जरिये जयललिता के पार्थिव शरीर के पास तक जाने देने का इंतजाम किया गया था. जयललिता के पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे से ढका गया था और मंगलवार की सुबह पुरातात्विक महत्व वाली इमारत राजाजी हॉल की सीढ़ियों पर रखा गया, जहां लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किये. अपनी दिवंगत नेता के सम्मान में राज्य सरकार ने मंगलवार को अपने सभी दफ्तरों में अवकाश की घोषणा की है. शैक्षणिक संस्थानों में तीन दिन के अवकाश की घोषणा की गयी है. तमिल फिल्म उद्योग ने शूटिंग के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिया. सिनेमाघरों में भी शो रद्द कर दिये गये हैं. वहीं, मंदिरों का नगर मदुरै शोकाकुल है. समूचे शहर में गहरी और अजीब सी शांति है. मुख्य बस अड्डे पर वीरानी पसरी हुई थी. केरल और कर्नाटक सहित विभिन्न स्थानों से यहां आनेवाली अंतरराज्यीय एवं लंबी दूरी की सरकारी बसों को राज्य की सीमा पर रोक दिये जाने के कारण वे यहां नहीं पहुंच पायी. इधर, तूतीकोरिन, रामेश्वरम और कन्याकुमारी में मछुआरों की कॉलोनियां शोकसंतप्त दिखीं.

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश विधानसभा में दी गयी श्रद्धांजलि

महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को जयललिता को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कांग्रेस नेता पतंगराव कदम समेत कई नेताओं ने जयललिता को श्रद्धांजलि दी. इधर, मप्र विस की कार्यवाही भी जयललिता के सम्मान में स्थगित कर दी गयी.

राजाजी हॉल में कोलाहल की स्थिति

जयललिता के अंतिम दर्शन के लिए उनका शव जब यहां के राजाजी हॉल में रखा गया, तो कई बार उनके शोकाकुल समर्थक आवेग में नियंत्रण से बाहर हो गये और भगदड़ जैसे हालत पैदा हो गये. पार्टी के सदस्यों और जनता ने अपने प्रिय नेता की अंतिम झलक पाने के लिए पुलिस का घेरा तोड़ कर सुरक्षा व्यवस्थाओं को चरमरा दिया. शव के पास पहुंचने के लिए लोग लोहे के अवरोधकों को गिरा कर आगे बढ़ गये, जिसके बाद पुलिस को लोगों को नियंत्रित करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. एक समय भीड़ काफी बढ़ गयी, जिसके कारण मंत्रियों सहित अतिविशिष्ट लोग वहां जगह बनाने के लिए बाहर चले गये. यहां पुलिस को हल्की लाठी चार्ज भी करनी पड़ी.

अंतिम सफर में पहनायी गयी पसंदीदा हरी साड़ी

उनकी आत्मा ने भले ही उनकी देह छोड़ दी, लेकिन अपने प्रिय हरे रंग से उनका नाता तब भी नहीं टूटा, क्योंकि अंतिम सफर के समय भी जयललिता अपने पसंदीदा हरे रंग की साड़ी में थीं. जयललिता को हरा रंग बहुत पसंद था और वह हर महत्वपूर्ण मौके पर इस रंग का लिबास तो पहनती ही थीं, उनके आसपास की हर चीज में हरा रंग शामिल होता था. उनकी पसंद को ध्यान में रखते हुए मंगलवार तड़के जब उनके निवास पोएस गार्डन से उनका पार्थिव शरीर राजाजी हॉल ले जाया गया, तो वह एक बार फिर अपनी ट्रेडमार्क हरी साड़ी में थीं, जिसका बोर्डर लाल था. माना जाता है कि हरा रंग जयललिता के लिए भाग्यशाली था और उन्हें बेहद पसंद था.

ताबूत के पास खड़ी रहीं शशिकला

जयललिता के हर अच्छे-बुरे समय में उनके साथ खड़ी रहीं शशिकला नटराजन दिवंगत नेता के ताबूत के पास मौजूद रहीं. काली साड़ी पहने शशिकला मायूस थीं. शशिकला रुक-रुक कर खड़ी होतीं और जयललिता के चेहरे को स्पर्श करतीं. इस दौरान शशिकला रोने लगी, तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको ढांढस बंधाया. उसी समय मौजूदा मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम बिलख पड़े थे, तब प्रधानमंत्री ने उन्हें गले से लगा लिया और उनसे भावनाओं को काबू में रखने के लिए कहा था. शशिकला और पन्नीरसेलवम उन कुछ लोगों में शामिल हैं, जिन्हें अम्मा विश्वासपात्र मानती थी.

तीन की मौत, दो ने की खुदकुशी की कोशिश

कोयम्बटूर. जयललिता की तबियत रविवार की शाम को खराब होने की खबर फैलते ही जिले में तीन लोगों की मौत संभवत: सदमे से हो गयी, जबकि दो लोगों ने आत्महत्या का प्रयास किया. जयललिता के सिंगनल्लुर में 65 वर्षीय एक पेंटर ने सोमवार को घर में टेलीविजन पर जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में खबर देखने के दौरान छाती में दर्द की शिकायत की. अस्पताल ले जाने से पहले उसकी मृत्यु हो गयी. एक अन्य घटना में थुडियालुर के पलानियाम्मल की भी सदमे से मौत हो गयी. इसी तरह, इरोड में कुली का काम करनेवाले 38 वर्षीय व्यक्ति की खबर देखने के दौरान मौत हो गयी.

ट्विटर पर ट्रैंड हुआ #RIPAmma, #IronLady

सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री जयललिता के निधन पर शोक जताया. सोशल मीडिया की विभिन्न साइटों पर ‘आरआइपी अम्मा’, ‘आरआइपी जयललिता’, ‘आयरनलेडी’ आदि नाम से हैशटैग चल रहे थे. एक ट्वीट में कहा गया, ‘यह विश्वास करना मुश्किल है कि अम्मा अब नहीं रहीं…. असली नेता…., आपको भुलाया नहीं जा सकता, आप हमेशा हमारी यादों में रहेंगी, आपकी आत्मा को शांति मिले आयरन लेडी.’ एक फेसबुक पोस्ट में कहा गया, ‘आप अतुलनीय प्रतिभा की धनी और लौह महिला थीं. एक पुरुष प्रधान क्षेत्र में आपने जो विरासत छोड़ी है, वह लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी.’

शव वाहन पर लगाये गये दो टन फूल

मुख्यमंत्री जयललिता की अंतिम यात्रा के लिए आर्मी ट्रक एवं गन कैरिज वाहन पर 40 श्रमिकों ने 10 घंटे की मेहनत के बाद दो टन से अधिक फूल लगा कर इसे जनाजे के लिए तैयार किया. फूल दो तरह के थे. पहला सजावटी फूल जैसे शतावरी और गुलबहार और दूसरा, गुलाब एवं सफेद गेंदा जैसे पारंपरिक फूल. आर्मी ट्रक एवं गन-कैरिज को जनाजे के लिए तैयार करने के लिए बहुत जल्दी काम करने, मालाएं बनानेवाले कोयामबेदू मार्केट के फ्लोरिस्ट वेलु ने कहा कि इस गमगीन मौके के लिए फूलों की पसंद भी उसी के अनुसार होनी चाहिए थी, क्योंकि ऐसा होना बहुत जरूरी होता है. मालाएं और अन्य सामान तैयार करने के लिए 2000 किलो से अधिक फूल इस्तेमाल किये गये.

जेल से लौटने के बाद बीमार रहने लगीं थीं जयललिता

पिछली बार सितंबर, 2014 में जब भ्रष्टाचार के मामले में जयललिता जेल गयीं, तब से ही उनकी तबियत बिगड़ने लगी. लेकिन, अपनी निजता को लेकर वह हमेशा सतर्क रहती थीं और कभी किसी को भी इसमें दखल नहीं देने देती थीं. इस कारण उनकी बीमारी कभी भी तमिलनाडु में चर्चा का विषय नहीं बन सकी. कर्नाटक जेल जाने के बाद जयललिता की सेहत तेजी से गिरी. उस दौरान शुरुआत में उन्होंने डॉक्टरों से मिलने और अपने मेडिकल मामलों की जानकारी साझा करने से मना कर दिया था, लेकिन विश्वस्त सहयोगियों, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बेहद आग्रह पर ही उन्होंने बात मानी. जेल से लौटने के बाद विरोधियों ने उनके कम काम करने को लेकर भी सवाल उठाने शुरू कर दिये. दरअसल, इस दौर में फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने खुद को बड़ी जिम्मेदारियों से दूर रखा. अंतिम बार सार्वजनिक रूप से 20 सितंबर को जया को देखा गया.

विरोधी भी दुखी

जयललिता का नाम और प्रसिद्धि हमेशा कायम रहेगी

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने मंगलवार को जयललिता के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि जयललिता का नाम और प्रसिद्धि हमेशा बरकरार रहेगी. करुणानिधि ने कहा कि इस बात में कोई दो राय नहीं कि जयललिता में पार्टी के कल्याण और भविष्य के लिए फैसले लेने का साहस था. भले ही वह कम उम्र में इस दुनिया से चली गयीं, पर उनका नाम और प्रसिद्धि हमेशा कायम रहेगी. नेता विपक्ष एमके स्टालिन ने राजाजी हॉल में जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की. स्टालिन ने कहा कि जयललिता के निधन से सभी को धक्का लगा है. उन्होंने कहा कि जयललिता जिस भी पद पर रहीं, उन्होंने एक छाप छोड़ी. मैं, डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की ओर से उनके निधन पर दुख व्यक्त करता हूं और पार्टी काडर तक अपनी संवेदनाएं पहुंचाता हूं. उनके साथ चेन्नई के पूर्व मेयर भी मौजूद थे.

मुख्यमंत्री जयललिता एक ऐसी नेता थीं, जिन्हें लोग बहुत प्यार करते थे. मैं उनके प्रियजनों और तमिलनाडु के लोगों के लिए संवेदना व्यक्त करता हूं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें. भारत के तमिल समुदाय के दिलों को उन्होंने जीता था.

मैत्रीपाला सिरीसेना, राष्ट्रपति, श्रीलंका

हमने जनता से जुड़ी एक महान नेता खो दिया. महिलाएं, किसान, मछुआरे और वंचित लोगों ने उनकी आंखों से सपने देखे. हम जयललिता जी की कमी महसूस करेंगे, जो लाखों लोगों के लिए अम्मा थीं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.

राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और लोकप्रिय नेता जे जयललिता के निधन पर गहरी संवेदननाएं. वह स्पष्टवादी और मुखर थीं और ऐसे किसी शख्स को नहीं बख्शा, जिसने उन पर निजी हमले कर उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की.

सीताराम येचुरी, महासचिव, माकपा

जे जयललिता जी के निधन से दुखी हूं. मैं दुख की इस घड़ी में उनकी पार्टी और उनके समर्थकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. उनके निधन से एक शून्य पैदा हो गया है.

अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष

जे जयललिता का निधन एक बड़ी राष्ट्रीय क्षति है और ओड़िशा इस दुख और शोक की घड़ी में तमिलनाडु के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है. उनके कल्याणकारी कदमों ने उन्हें संपूर्ण बना दिया था. उनकी आत्मा को शांति मिले.

नवीन पटनायक, मुख्यमंत्री, ओड़िशा

जयललिता ने मुख्यमंत्री के रूप में एक कुशल प्रशासक की छवि प्रस्तुत की और गरीबों, महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की थी. उनका निधन देश की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है.

सुमित्रा महाजन, लोकसभा अध्यक्ष

जयललिता तमिलनाडु से एक प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तित्व थीं और वह गरीबों तथा वंचितों के लिए प्रतिबद्ध तथा लोकप्रिय नेता थीं. उनके पास मजबूत इच्छाशक्ति थी. उनकी आत्मा को ईश्वर शांति प्रदान करें.

लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा नेता

जे जयललिता के निधन की खबर सुन कर काफी दुख हुआ. उनकी कमी भारतीय राजनीति में महसूस की जायेगी. मेरी प्रार्थना तमिलनाडु के लोगों, उनके शुभचिंतकों और परिवार के साथ है.

लालू प्रसाद, राजद अध्यक्ष

कांग्रेस पार्टी, अपने परिवार के साथ मैं व्यक्तिगत रूप से तमिलनाडु के लोगों तथा अन्नाद्रमुक में उनके प्रतिबद्ध समर्थकों के दुख और दर्द को साझा करती हूं, जिन्होंने अपनी प्रिय अम्मा को खो दिया है.

सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष

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