बोले गुलाम नबी आजाद – मोदी जी फकीर हैं झोला लेकर चले गए तो सदन में जवाब कौन देगा
नयी दिल्ली : नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब दो बजकर 25 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा स्थगित होने के पहले कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने नोट बंदी मामले को लेकर पीएम मोदी पर […]
नयी दिल्ली : नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब दो बजकर 25 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा स्थगित होने के पहले कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने नोट बंदी मामले को लेकर पीएम मोदी पर जोरदार कटाक्ष किया. उन्होंने सदन में कहा कि हम चाहते हैं पीएम यहां बोलें, कुछ दिन पहले उन्होंने कहा फ़कीर हूं झोला लेके चला जाऊंगा, चले गए तो जवाब कौन देगा…. राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने पीएम हाउस में आओ के नारे लगाए. आपको बता दें किआज राज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच भी गरमा-गरम बहस हुई.
नोटबंदी मुद्दे पर लोगों को हो रही परेशानी को लेकर विपक्षी सदस्यों के तथा इस विषय पर अधूरी चर्चा को आगे बढाने की मांग कर रहे भाजपा सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही आज एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. 2 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने फिर हंगामा किया जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई.
सुबह राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सदन ने अपने पूर्व सदस्य सी रामास्वामी को श्रद्धांजलि दी जिनका आज चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया. इसके बाद सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानी का मुद्दा उठाया. आजाद ने कहा कि इस घोषणा को करीब एक महीना होने को है लेकिन अब भी बैंकों तथा एटीएम के बाहर लोगों की लाइनें लगी हुई हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिना तैयारी के इतनी बड़ी योजना लायी और उसने पैसों का पर्याप्त इंतजाम नहीं किया. सरकार ने न तो बैंकों में और न ही एटीएम में पैसों की व्यवस्था की.
आजाद ने कहा कि सरकार के इस फैसले के कारण 84 लोगों की मौत हो गयी है और लोगों को भारी परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी बेटी की शादी तक के लिए पैसे नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि इन लोगों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि राजस्व सचिव ने कहा था कि नोटबंदी के बाद पूरी करेंसी वापस आ जाएगी. उन्होंने कहा कि जब सभी नोट वापस आ जाएंगे तो काला धन कहां है? भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी के बीच आजाद ने कहा कि नोटबंदी के कारण बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार छिन गया है और कामगारों की छंटनी हो रही है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों से रिजर्व बैंक ने जमा होने वाले नोटों के बारे में जानकारी देनी बंद कर दी है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में राज्यसभा को दिए गए जवाब का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर में कहा गया है कि बैंकों के पास पर्याप्त पैसा है. उन्होंने कहा कि जब बैंकों में पर्याप्त पैसा है तो लोग लाइनों में क्यों लगे हुए हैं.
इसके बाद सदन के नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उपसभापति पीजे कुरियन से बोलने की अनुमति मांगी. इस पर विपक्ष की टोकाटोकी के बीच कुरियन ने कहा कि अगर सदन के नेता बोलना चाहते हैं तो अनुमति देनी पड़ेगी. जेटली ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जिस दिन सत्र शुरू हुआ, उस दिन विपक्ष ने नोटबंदी मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग की. हमने चर्चाशुरूकराने में कोई विलंब नहीं किया, लेकिन अब यह चर्चा पूरी होनी चाहिए.
Hum chahte hain PM yahan bole, kuch din pehle unhone kaha fakeer hu jhola leke chala jaunga, chale gaye to jawab kaun dega?-GN Azad in RS
— ANI (@ANI) December 7, 2016
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने नियम की बात कही, हम नियम पर राजी हो गए. आपने प्रधानमंत्री को बुलाने की मांग की, प्रधानमंत्री आए. लेकिन अब विपक्ष किसी न किसी बहाने से चर्चा को रोकने का प्रयास कर रहा है. विपक्ष चाहता है कि टेलीविजन के लिए बस मुद्दे को उठा दिया जाए, लेकिन चर्चा को आगे बढाने से भाग रहा है. जेटली ने कहा कि अगर विपक्ष में हिम्मत है तो चर्चा को आज ही आगे बढाया जाए. इस बीच, सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुरादाबाद की रैली में गरीब को और गरीब बनाने की बात कही. सरकार ने पूरे देश को विकलांग बना दिया है. इस पर उपसभापति ने कहा कि चर्चा को आगे शुरू करिए. इस दौरान सत्ता पक्ष के कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे आकर चर्चा शुरू करने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे. उधर विपक्ष ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. सदन में हंगामे के बीच बसपा की मायावती ने कहा कि नोटबंदी के चलते पूरे देश में अफरातफरी मची है, कई लोग मर गए हैं, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही.