आखिर आडवाणी जी को गुस्सा क्यों आता है?

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आज लोकसभा में जारी हंगामे के कारण नाराज हो गये और गुस्से में उन्होंने यहां तक कह दिया कि ना तो स्पीकर और ना ही संसदीय कार्य मंत्री सदन को चला पा रहे हैं. आडवाणी लोकसभा में जारी हंगामे के कारण काफी क्षुब्ध दिखे और उन्होंने अनंत कुमार के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2016 5:35 PM

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी आज लोकसभा में जारी हंगामे के कारण नाराज हो गये और गुस्से में उन्होंने यहां तक कह दिया कि ना तो स्पीकर और ना ही संसदीय कार्य मंत्री सदन को चला पा रहे हैं. आडवाणी लोकसभा में जारी हंगामे के कारण काफी क्षुब्ध दिखे और उन्होंने अनंत कुमार के सामने अपनी नाखुशी व्यक्त की. आडवाणी तब नाराज हुए जब विपक्ष के सांसद नारेबाजी करते हुए सत्ता पक्ष की सीट की ओर आ गये थे. आडवाणी को यह कहते सुना गया कि, ‘‘मैं स्पीकर से कहने जा रहा हूं कि वह सदन नहीं चला रही हैं… मैं सार्वजनिक तौर पर यह कहने जा रहा हूं. इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार को उन्हें शांत करने का प्रयास करते देखा गया. ऐसा नहीं है कि लोकसभा की कार्यवाही बाधित होने से आडवाणी आज पहली बार नाराज हुए हैं, ऐसा पहले भी देखा जा चुका है.

आडवाणी पहले भी हो चुके हैं नाराज
अगस्त 2015 में जब कांग्रेस पार्टी कार्य स्थगन का प्रस्ताव लाकर भ्रष्टाचार पर बहस की मांग कर रही थी उस वक्त आडवाणी ने इस बात के लिए दबाव बनाया था कि सत्ता पक्ष उनकी बात मान ले. उनकी यह राय थी कि सरकार को विपक्ष की राय माननी चाहिए और भ्रष्टाचार पर बहस कराना चाहिए. लेकिन जब स्पीकर ने बहस ना कराकर लोकसभा की कार्यवाही स्थगित की, तो वे बहुत नाराज हो गये थे और अपना इस्तीफा तक देने के लिए तैयार थे. हालांकि बाद में उन्हें पार्टी ने मना लिया था.
संसद और प्रजातंत्र में है अटूट आस्था
लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के वरिष्ठ सांसद हैं, उनकी प्रजातंत्र और संसदीय मूल्यों में बहुत आस्था है. यही कारण है कि वे यह चाहते हैं कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चले. इसके लिए अगर सत्तापक्ष को थोड़ा झुकना भी पड़े तो यह उन्हें नागवार नहीं लगता.
संसद की कार्यवाही ना चलने से कई सांसद हैं आहत
संसद का शीतकालीन सत्र अब समाप्त होने को आया है, लेकिन सत्र का एक भी दिन ऐसा नहीं गया, जिसमें हंगामा ना हुआ हो और कार्यवाही ठीक से चली हो. इस स्थिति से कई सांसद आहत हैं. जदयू के राज्यसभा सांसद हरिवंश ने फर्स्टपोस्ट डॉट कॉम में प्रकाशित एक आलेख में लिखा है कि सत्ता पक्ष का विरोध करना विपक्ष के लिए एक सामान्य बात है, लेकिन कई बातें दलगत राजनीति से परे होती हैं और इसपर दोनों पक्षों को गंभीरता पूर्वक सोचना चाहिए.

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