नयी दिल्ली : तेलंगाना विधेयक पारित कराने के सरकार के प्रयासों के बीच, केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को संसद में हंगामे के बीच प्रस्तावित कानून को पारित कराने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. रमेश ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रुप से यह बात कहने वाला पहला व्यक्ति होउंगा कि इस तरह के व्यापक विधेयक पर संसद में चर्चा होनी चाहिए और हिंसक प्रदर्शनों के बीच इसे (विधेयक) हंगामे के दौरान पारित नहीं कराना चाहिए.’’ यह पूछे जाने पर कि अगर इस विधेयक पर व्यापक चर्चा नहीं हुई तो क्या सरकार विधेयक वापस ले लेगी, रमेश ने कहा कि यह उनकी राय है कि इस तरह के महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा होनी चाहिए और इसे हंगामे के बीच पारित नहीं कराया जाना चाहिए.
तेलंगाना पर बने मंत्रिसमूह के अहम सदस्य रमेश ने कहा कि उन्होंने पार्टी के मंच पर भी इस मुद्दे पर अपनी राय बताई थी. उन्होंने कहा, ‘‘हमें सदन में कोई एकतरफा पहल नहीं करनी चाहिए. हमें भाजपा को अपने साथ लाना चाहिए. हमें भाजपा के बाद भी वृहद आमसहमति बनाने की कोशिश करनी चाहिए. हमारे पास चार दिन है. मुझे आशा है कि हम इसे कर सकते हैं.’’ रमेश की ये टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब विपक्ष ने सरकार के इस दावे को खारिज किया है कि उसने संसद में तेलंगाना विधेयक पेश कर दिया है.रमेश ने कहा, ‘‘मैंने कल गृह मंत्री से बात की. उन्होंने कहा कि विधेयक पेश हो गया है. इस पर अलग अलग दृष्टिकोण हैं. मैं जानता हूं कि सुषमा स्वराज ने अलग बात कही है. गृह मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री का कहना है कि विधेयक पेश हो गया है.’’ उन्होंने राज्य के प्रस्तावित विभाजन का खुलेआम विरोध करने वाले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन किरन कुमार रेड्डी की भी निंदा की.