तीसरे विकल्प के रूप में उभरने के लिए प्रयासरत ”आप”

अहमदाबाद : गुजरात के द्विदलीय राजनीतिक व्यवस्था में आम आदमी पार्टी अब आगामी लोकसभा चुनावों में लोगों के लिए तीसरे विकल्प के तौर पर उभरने के लिए प्रयासरत है. गुजरात में अब तक कांग्रेस और भाजपा के अलावा अन्य कोई भी राजनीतिक दल अपनी पहचान छोड़ने में असफल रहा है. आम आदमी पार्टी के समन्वयक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2014 11:40 AM

अहमदाबाद : गुजरात के द्विदलीय राजनीतिक व्यवस्था में आम आदमी पार्टी अब आगामी लोकसभा चुनावों में लोगों के लिए तीसरे विकल्प के तौर पर उभरने के लिए प्रयासरत है. गुजरात में अब तक कांग्रेस और भाजपा के अलावा अन्य कोई भी राजनीतिक दल अपनी पहचान छोड़ने में असफल रहा है.

आम आदमी पार्टी के समन्वयक सुखदेव पटेल ने बताया कि आप को पूरा विश्वास है कि वह मिथक तोड़ेगी और आगामी चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के विकल्प के तौर पर उभरेगी. राज्य वर्ष 1960 में अस्तित्व में आया और तब से वहां कई छोटे बड़े राजनीतिक दल बने. लेकिन चुनाव में सफलता न मिलने के कारण कोई दल मजबूत नहीं हो पाया. गुजरात में यह चलन अन्य भारतीय राज्यों के चलन के प्रतिकूल रहा. अन्य भारतीय राज्यों में क्षेत्रीय दल दिन ब दिन मजबूत हो रहे हैं.

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल ने अपनी किसान मजदूर लोक पक्ष (केआईएमएलओपी) पार्टी बनाई लेकिन इसे अपेक्षित सफलता नहीं मिली. बाद में उन्होंने छबीलदास मेहता के साथ मिल कर जनता दल (गुजरात) भी बनाया लेकिन इसका कांग्रेस में विलय हो गया.

एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने भाजपा से अलग हो कर अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेपी) बनाई. चुनावी सफलता न मिलने पर बाद में उन्होंने आरजेपी का कांग्रेस में विलय कर दिया. तीसरे पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने वर्ष 2012 के चुनावों से ठीक पहले भाजपा से अलग हो कर गुजरात परिवर्तन पार्टी बनाई. अब केशुभाई की पार्टी भी विलय की स्थिति में है. खुद केशुभाई अपने स्वास्थ्य का हवाला दे कर राजनीति से अलग होने का ऐलान कर चुके हैं तथा उनकी पार्टी के अन्य सदस्य भाजपा में शामिल होने के बारे में सोच रहे हैं.

गुजरात में और भी कई छोटे दल बनाए गए लेकिन वह आगे बढ़ ही नहीं पाए. राज्य में न तो वाम दलों को और न ही अपना आधार फैलाने के लिए प्रयास कर रही शिवसेना जैसी क्षेत्रीय पार्टियों को सफलता मिल पाई. पटेल ने कहा यह सच है कि राज्य में भाजपा और कांग्रेस को छोड़ कर कोई तीसरा दल उभर ही नहीं पाया. हम यह मानते हैं लेकिन आप पूर्व मे बनाए गए अन्य राजनीतिक दलों से बिल्कुल अलग है.

आप नेता ने कहा अतीत में, भाजपा या कांग्रेस के बागी राजनीतिक दल बनाने के लिए बगावत करते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि उनके साथ अन्याय हुआ है. उन्हें चुनावों में सफलता नहीं मिली और उनके द्वारा बनाए गए दल समाप्त हो गए.

पटेल ने कहा आप अलग पार्टी है. यह क्षेत्रीय दल नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय पार्टी है और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने के लिए इसका गठन हुआ है. उन्होंने कहा अगर लोकसभा चुनाव से पहले सदस्यता अभियान कोई संकेत है तो गुजरात से हमारे पास करीब 4 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है. इससे पता चलता है कि आम जनता सत्तारुढ़ भाजपा या कांग्रेस के शासन से खुश नहीं है. पटेल ने कहा कांग्रेस और भाजपा के बीच मैच फिक्स है और यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोग हमसे जुड़ रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस और भाजपा इतिहास को नकारते हुए तीसरे दल के तौर पर आप के उभरने की संभावना सिरे से खारित कर देते हैं.

कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा ह्यह्यदूसरे राज्यों के विपरीत इस राज्य के इतिहास में तीसरे दल को किसी ने स्वीकार ही नहीं किया. उन्हें (आप को) भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने रुख के कारण भले ही थोड़ा बहुत लाभ हुआ हो लेकिन गुजरात में पार्टी ने अब तक अपनी पहचान नहीं बनाई है.

भाजपा के एक नेता ने कहा कितने भी दल आ जाएं, चुनाव लड़ने के लिए उनका स्वागत है लेकिन ऐतिहासिक चलन यह रहा है कि राज्य ने हमेशा दो दलीय व्यवस्था ही स्वीकारी है और तीसरे दल को सिरे से खारिज कर दिया है.

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