21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पढें, पद्मनाभस्वामी मंदिर और इससे जुड़े विवाद

तिरुअनन्तपुरम : केरल राज्य के तिरुअनन्तपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के सबसे धनी मंदिरों में एक माना जाता है. यह विष्णु-भक्तों की महत्वपूर्ण आराधना-स्थली माना जाता है. इसका पुनर्निर्माण 1733 ई. में त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने करवाया था. मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई […]

तिरुअनन्तपुरम : केरल राज्य के तिरुअनन्तपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के सबसे धनी मंदिरों में एक माना जाता है. यह विष्णु-भक्तों की महत्वपूर्ण आराधना-स्थली माना जाता है. इसका पुनर्निर्माण 1733 ई. में त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने करवाया था. मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी जिसके बाद उसी स्थान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है. बताया जाता है कि इसके पांच तहखानों से एक लाख करोड़ का खजाना निकल चुका है. 2015 में 186 करोड़ रुपये का सोना गायब होने की खबरों के बाद मंदिर विवादों में आया था. अक्तूबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विनोद राय ने मंदिर का ऑडिट किया था.

सलवार-कमीज पहन कर मंदिर में न जायें महिलाएं
देश के सबसे धनी माने जानेवाले पद्मनाभस्वामी मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर ड्रेस कोड को लेकर केरल हाइकोर्ट ने फैसला दिया है कि मंदिर में प्रवेश के लिए महिलाओं को मुंडू(धोती) ही पहनना होगा. मंदिर में महिलाएं अब सलवार कमीज और चूड़ीदार पहनकर प्रवेश नहीं कर सकेंगी. हाइकोर्ट ने कहा कि मंदिर के कार्यकारी अधिकारी केएन सतीश को मंदिर के परंपरा में बदलाव का कोई हक नहीं है. मंदिर में प्रवेश के रीति-रिवाजों का फैसला मंदिर के मुख्य तंत्री लेंगे जो सबके लिए मान्य होगा. कुछ समय पहले महिलाओं को मंदिर में प्रवेश के लिए छूट देते हुए उन्हें सलवार कमीज और चूड़ीदार पहनकर मंदिर में प्रवेश करने की आजादी दी गयी थी. मंदिर के मुख्य तंत्री ने इसका विरोध किया था. कई हिंदू संगठनों ने भी इस इसके खिलाफ प्रदर्शन किया था. हाल में ही केरल हाइकोर्ट ने कहा था कि मंदिर के मुख्य कार्यकारी महिलाओं के ड्रेस कोड का मामला 30 दिनों के अंदर सुलझायें. कोर्ट की डिविजन बेंच ने गुरुवार को पद्मनाभस्वामी मंदिर में नये ड्रेस कोड की अनुमति को अस्वीकार कर दिया है. अदालत ने यह आदेश निजी पार्टियों की याचिका पर विचार के बाद लिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें