सेना के लिए वन रैंक वन पेंशन : रक्षा बजट में दस प्रतिशत बढ़ोतरी

नयी दिल्ली : सरकार ने वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू करने का ऐलान करते हुए रक्षा आवंटन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है. वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा, रक्षा आवंटन में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की गयी है. सुरक्षा के लिए 2,24,000 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2014 1:33 PM

नयी दिल्ली : सरकार ने वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू करने का ऐलान करते हुए रक्षा आवंटन में 10 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है. वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा, रक्षा आवंटन में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी की गयी है. सुरक्षा के लिए 2,24,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं जबकि पिछले बजट में यह राशि 2, 03, 672 करोड रुपये थी.

उन्होंने सशस्त्र सेनाओं के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना कार्यान्वित करने के उद्देश्य से वर्तमान वित्त वर्ष में रक्षा पेंशन खाते के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. यह निर्णय 2014-15 से भविष्यलक्षी प्रभाव से कार्यान्वित किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में ये मांग की थी, जिसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी. सरकार ने प्रत्येक रैंक से सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों की पेंशन में अंतर को समाप्त करने का फैसला किया है. रक्षा सेवाओं में एक रैंक एक पेंशन की मांग लंबे समय से थी और यह एक भावनात्मक मुद्दा भी रहा है.

वित्त मंत्री ने कहा कि संप्रग सरकारों के कार्यकाल के दौरान रक्षा सेवाओं के लिए लागू होने वाले पेंशन नियम 2006, 2010 और 2013 में तीन अवसरों पर अधिसूचित किये गये हैं. परिणामस्वरुप चार अर्थात हवलदार, नायब सूबेदार और सूबेदार मेजर रैंकों में (दूर की जा रही कुछ विसंगतियों की शर्त पर) 2006 से पहले और 2006 के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के बीच अंतर समाप्त हो गया है. चिदंबरम ने बताया कि सिपाही और नायक के रैंकों में छोटा सा अंतर और मेजर एवं उससे उपर की रैंकों में अंतर अभी बना हुआ है.

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